नेताजी सुभाषचंद्र बोस के जन्मदिन पर 23 जनवरी को केंद्र सरकार अपने पास रखी करीब 100 गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक करेगी। शनिवार को उनसे संबंधित सौ फाइलों की डिजिटल प्रतियों को सार्वजनिक किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन्हें जारी करेंगे। एक आधिकारिक वक्तव्य के अनुसार
भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार (एनएआइ) इन फाइलों में दर्ज बातचीत में मामूली सुधार करके और डिजिटल रूप देकर उसे सार्वजनिक करने का ऐलान किया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इस कदम से जनता की बरसों की मांग पूरी होगी। नेताजी की मृत्यु के रहस्य से पर्दा उठाने के सिलसिले में लोग बोस पर अनुसंधान भी करना चाहते हैं। और यह सरकारी दस्तावेज इसमें सहायक होंगे। एनएआइ के अनुसार केंद्र में विभिन्न विभागों के पास नेताजी से जुड़ीं 60 हजार पृष्ठों की 200 फाइलें हैं जिन्हें सार्वजनिक करने की शुरुआत 23 जनवरी से होगी और आगे भी हर महीने 25 ऐसी गोपनीय फाइलें सार्वजनिक की जाती रहेंगी। ममता सरकार नेताजी सुभाष चंद्र बोस के रहस्यमय तरीके से लापता होने से संबंधित 64 फाइलों को पिछले साल सितंबर में सार्वजनिक चुकी है। आजादी के 68 साल बाद भी नेताजी को लेकर कई तरह की अफवाहें उड़ती रही हैं लेकिन केंद्र व अथवा राज्य की पूववर्ती सरकारें इन फाइलों को सार्वजनिक करने का फैसला नहीं कर सकी थीं। केंद्र में सबसे लंबी अवधि तक कांग्रेस की सरकार रही तो पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक माकपानीत वाममोर्चा ने 34 साल तक सरकार चलाया।
आशान्वित नेताजी के परिजन: राजनेताओं से इतर फाइलों को लेकर नेताजी के परिजन जितना उत्सुक हैं उतना ही आशान्वित भी। नेताजी के प्रपौत्र चंद्र कुमार बोस ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इन फाइलों के सार्वजनिक होने से रहस्य पर से काफी हद तक पर्दा उठेगा।
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साभार: जागरण समाचार
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