अगले बजट में आयकर छूट की सीमा बढ़ सकती है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसके संकेत दिए हैं। रविवार को फेसबुक पर पोस्ट में उन्होंने लिखा कि टैक्स की ऊंची दरों से कर चोरी को बढ़ावा मिला है। सरकार छूट सीमा बढ़ाकर निम्न और मध्य आय वर्ग को ज्यादा पैसे देना चाहती है। इससे अर्थव्यवस्था में ज्यादा पैसे आएंगे और लोग ज्यादा खर्च सकेंगे। जेटली ने लिखा है कि खपत बढ़ने से सीमा उत्पाद शुल्क और सर्विस टैक्स ज्यादा
मिलेगा। हालांकि उन्होंने कहा कि सीमा से ज्यादा कैश ट्रांजेक्शन पर पैन जरूरी होगा। बड़े ट्रांजेक्शन पकड़ने को आयकर विभाग सिस्टम दुरुस्त कर रहा है। सोने आदि की खरीद पर नजर रखी जा सकेगी। बजट में वित्त मंत्री ने एक लाख रुपए से ज्यादा के लेनदेन के लिए पैन जरूरी करने का प्रस्ताव किया था। पर विरोध के चलते इसे वापस लेना पड़ा।
लोगों ने फेसबुक पर ही दिए सुझाव:
- सालाना तीन करोड़ रुपए वेतन पर टैक्स लगे।
- 200 से ज्यादा कैश ट्रांजेक्शन हो, दुकानदार या वेंडर कोई चीज नकद खरीदें।
- डॉक्टरों-वकीलों-सीए की फीस का हिसाब रखा जाए।
- मंदिर-ट्रस्ट में दान देने पर दोनों पक्षों पर टैैक्स लगे।
- राजनीतिक फंडिंग पर भी टैक्स लगाया जाए।
- कर छूट का फायदा सबको मिले।
- बुजुर्ग जो पैसे बैंकों में जमा करते हैं उसके ब्याज पर आयकर नहीं लगे। साथ ही पांच लाख रु. तक की आमदनी पर टैक्स लिया जाए। इससे ऊपर सिर्फ 5% टैक्स लिया जाए।
- करदाता को ग्राहक समझे सरकार। बिजली, पानी और सड़क के नाम पर टैक्स लिया जाता है। इसलिए पहले ये सेवाएं दी जाएं, उसके बाद ही टैक्स लिया जाए। स्रोत पर ही टैक्स लिया जाए। चीजों की खरीद-फरोख्त पर कोई कर लगे। इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट पर फीस बंद हो।
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साभार: भास्कर समाचार
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