इलाहबाद हाईकोर्ट ने कहा कि प्रदेश के सभी मदरसों में
राष्ट्रीय पर्वों पर अनिवार्य रूप से ध्वजारोहण होना चाहिए। मुख्य सचिव को
निर्देश दिया है कि वह स्वयं इसकी मॉनिटरिंग करें और सुनिश्चित करें कि
राष्टीय पर्वों 15 अगस्त और 26 जनवरी आदि पर मदरसों में राष्ट्रीय झंडा
फहराया जाय। कोर्ट ने बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख
सचिवों को ऐसा किया जाना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने
प्रदेश सरकार से इस मामले में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिका पर 22
सितंबर को पुन: सुनवाई होगी। अलीगढ़ के अजीत गौड़ की जनहित याचिका पर
सुनवाई कर रही पीठ ने शिक्षा विभाग से पूछा है कि शिक्षण संस्थाओं में
ध्वजारोहण के संबंध में उनकी क्या नीति है। याचिका
में कहा गया कि अलीगढ़ के तमाम मदरसों में राष्ट्रीय पर्व पर ध्वजारोहण
नहीं किया गया जबकि ऐसा किया जाना प्रत्येक संस्था के लिए अनिवार्य है।
खंडपीठ ने कहा कि यह सिर्फ एक जिले का नहीं पूरे प्रदेश का मामला है।
याचिका पर जवाब देते हुए प्रदेश सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि अलीगढ़ के
मदरसों में राष्ट्रगान गाया जाता है। उन्होंने राष्ट्रगान गाते हुए मदरसे
की तस्वीर भी प्रस्तुत की। पीठ ने इस पर
टिप्पणी करते हुए कहा कि यहां मामला राष्ट्रगान का नहीं राष्ट्रध्वज फहराये
जाने का है। जो फोटो दिखाई जा रही है उसमें मदरसे के बच्चे किताब देखकर
राष्ट्रगान पढ़ रहे हैं। कोर्ट ने इस पर आश्चर्य जताया कि किताब देखकर कौन
राष्ट्रगान पढ़ता है। यह छोटे बच्चों को भी याद रहता है। पीठ का कहना था कि
मदरसों सहित सभी शिक्षण संस्थाओं में राष्ट्रध्वज फहराया जाना चाहिए।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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