कामकाजी महिलाओं के मातृत्व अवकाश को तीन से
बढ़ाकर आठ माह करने के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के प्रस्ताव पर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिलचस्पी दिखाई है। महिला एवं बाल विकास
मंत्री मेनका गांधी ने हाल में ही इस प्रस्ताव का ब्योरा पीएम के सामने पेश
किया था। इसमें रुचि लेते हुए पीएम ने इसे कामकाजी महिलाओं के लिए बेहतर
करार दिया। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही मेटरनिटी बेनीफिट एक्ट में
संशोधन कर इस प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाया जा सकता है।मंत्रालय
की अतिरिक्त सचिव नूतन गुहा बिश्वास ने इस बारे मेें कहा कि पीएम प्रस्ताव
से प्रभावित हैं। उन्होंने बताया कि संबंधित प्रस्ताव कैबिनेट सचिवालय को
भी भेजा गया है ताकि इस पर विस्तार से चर्चा हो सके। वर्तमान में कामकाजी
महिलाओं को अनिवार्य रूप से तीन माह का मातृत्व अवकाश मिलता है। इस दौरान
उन्हें मासिक वेतन का भुगतान किया जाता है लेकिन अब मेटरनिटी बेनीफिट एक्ट
में संशोधन कर इसे आठ माह करने का प्रस्ताव किया गया है। इसमें एक माह का
अवकाश बच्चे के जन्म लेने से पहले और सात माह की छुट्टी जन्म के बाद देने
की सिफारिश की गई है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा किया गया तो महिलाओं के बीच
स्तनपान को बढ़ावा मिल सकेगा। यह मां और बच्चे दोनों के लिए जरूरी है। उन्होंने
कहा कि कामकाजी गर्भवती महिलाओं की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए फैक्ट्री
एक्ट और कंपनी मामलों से संबंधित कानून में संशोधन करने का अनुरोध भी किया
गया है। बिश्वास ने कहा कि श्रम मंत्रालय को इस पर निगरानी रखनी चाहिए कि
जिन संस्थानों और कारखानों में दस से अधिक कामगार हैं और उनमें महिलाएं
शामिल हैं तो वहां उनके बच्चों के लिए क्रेच सुविधा अनिवार्य रूप से होनी
चाहिए।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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