स्कूली बच्चों का विभिन्न कार्यक्रमों में भीड़
बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करने पर सरकार ने रोक लगा दी है। अब राजनीतिक नेता
भी स्कूली बच्चों का दुरुपयोग नहीं कर पाएंगे। शिक्षाविदों ने सरकार के इस
फैसले का स्वागत किया है। राज्य के माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने प्रदेश के
तमाम जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को उपरोक्त
आशय के निर्देश दिए हैं। निदेशक की ओर से यह पत्र गत बुधवार दो सितंबर
को
अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) वीरेंद्र सहरावत ने लिखा है। निर्देशों के
मुताबिक स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त और गणतंत्र दिवस 26 जनवरी जैसे राष्ट्रीय
पर्वों पर होने वाले कार्यक्रमों में ही बच्चों की सहभागिता के लिए छूट दी
गई है। अपने स्कूल में होने वाले शैक्षणिक कार्यक्रमों में तो बच्चे भाग
लेंगे ही। इनमें भी बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए खास ध्यान
रखने को कहा गया है। बाकी सभी कार्यक्रमों में स्कूली बच्चों को भेजने पर
रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
पिसते थे विद्यार्थी: दरअसल,
विभिन्न प्रकार की सभाओं व कार्यक्रमों में भीड़ जुटाने के लिए स्कूली
छात्र-छात्राओं को झोंका जाता रहा है। ये खासतौर पर सत्तादल के नेताओं के
लिए होता था।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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