Friday, September 4, 2015

SPEED नहीं पकड़ पा रहा स्पीड

प्रदेश में बीजेपी सरकार ने आते ही स्पैट योजना का नाम तो बदलकर स्पीड कर दिया, मगर योजना को स्पीड से लागू नहीं कर पा रही है। योजना में खिलाड़ियों के ट्रायल से लेकर काउंसिलिंग तक सारा कार्य धीमी गति से हुआ है। मौजूदा सत्र के पांच महीने बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक खिलाड़ियों की प्रेक्टिस शुरू नहीं हुई है। उधर, नए
सत्र के लिए अगले महीने से ट्रायल शुरू हो जाएंगे।
इस तरह लेट हुआ सत्र: बीजेपी सरकार ने आते ही योजना को टाइम से शुरू करने की बजाय इसका नाम बदलने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई। इसका असर यह हुआ कि स्कूल लेवल के जो ट्रायल अक्तूबर महीने में होने चाहिए थे, वे दिसंबर में हुए। इसी के चलते आगे के चरणों का शेड्यूल भी लेट होता चला जाएगा। अप्रैल महीने में चयनित खिलाड़ियों की ट्रेनिंग शुरू होनी थी, लेकिन उस समय आखिरी चरण के ट्रायल ही चल रहे थे। अभी तक खिलाड़ियों को ट्रेनिंग करते हुए पांच महीने हो जाने चाहिए थे, लेकिन अभी तक उनकी ट्रेनिंग ही शुरू नहीं हुई है।
पांच हजार खिलाड़ियों का चयन: तीन चरणों पर हुए ट्रायल के बाद खेल विभाग ने प्रदेश भर से पांच हजार खिलाड़ियों का चयन इस स्कीम के तहत किया था। चयनित खिलाड़ियों की सूची में 830 खिलाड़ियों के साथ भिवानी टॉप और 812 खिलाड़ियों के साथ हिसार दूसरे स्थान पर रहा था।
सरकार ने ये किए बदलाव: प्रदेश सरकार ने योजना में कुछ बदलाव भी किए। मसलन पहले खिलाड़ियों को हर महीने मिलने वाली स्टाइपेंड राशि उनके अकाउंट में आती थी, अब नकद राशि उपलब्ध नहीं होगी, बल्कि उन्हें तीन टाइम खाना उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा खिलाड़ियों को सेंटर की बजाय नर्सरियों में रखा जाएगा, जहां उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा।
खिलाड़ी कर रहे हैं इंतजार: प्रदेश के ये पांच हजार खिलाड़ी इन नर्सरियों के शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।
इनका कहना है कि अभी तक पिछले सत्र की ट्रेनिंग शुरू नहीं हुई है और नए सत्र के ट्रायल का शेड्यूल नजदीक आ चुका है। उल्लेखनीय है कि अक्तूबर महीने में सत्र 2016-17 के लिए स्कूल लेवल पर पहले चरण के ट्रायल शुरू हो जाएंगे।

साभार: अमर उजाला समाचार 

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