प्रदेश के सरकारी स्कूलों में डेढ़ वर्ष तक सेवाएं देने के बाद सड़क पर आ
चुके कंप्यूटर शिक्षकों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही। एक बाधा
दूर होने पर दूसरी चुनौती सामने खड़ी है। सरकार ने अब शिक्षकों को कानूनी
दांव-पेंच में फंसा दिया है। पहले सरकार ने मेरिट जांच कराकर उसके आधार पर
अनुबंध बढ़ाने का आश्वासन दिया था। अभी तक जांच रिपोर्ट तो सार्वजनिक नहीं
हुई, लेकिन अब सरकार ने कानूनी पेंच बताकर
शिक्षकों को असहज कर दिया
है। मुख्यमंत्री के ओएसडी जवाहर यादव ने शिक्षकों को बताया कि कानूनी
अड़चनों के चलते उनका अनुबंध नहीं बढ़ाया जा सकता है। सरकार इस मामले में
एडवोकेट जनरल और कानूनी जानकारों से राय ले रही है।
अनुबंध बढ़ाना आसान
नहीं: शिक्षक भी अपने स्तर पर कानूनी सलाहकार से परामर्श ले सकते हैं।
वर्तमान स्थिति में अनुबंध बढ़ाना आसान नहीं है। इससे कंप्यूटर शिक्षक खफा
हैं और मुख्यमंत्री के ओएसडी जवाहर यादव से दोबारा वार्ता के लिए समय मांग
रहे हैं। शिक्षकों की ओर से कानूनी अड़चन न होने की दलील और दस्तावेज
प्रस्तुत किए जाएंगे। कंप्यूटर शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रवक्ता सुरेश
नैन ने कहा कि सरकार उन्हें आश्वासन देकर मामले का लंबा खींच रही है। कई
दौर की वार्ता के बावजूद सरकार ही किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रही। जल्द
कोई हल न निकला तो आंदोलन को तेज किया जाएगा।
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साभार: जागरण समाचार
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