नौकरी बचाने की जद्दोजहद कर रहे कंप्यूटर शिक्षकों पर मंगलवार को महारैली
के दौरान पुलिसिया कहर जमकर टूटा। पांच महीने से शिक्षा निदेशालय के बाहर
धरना दे रहे शिक्षक जैसे ही सड़कों पर उतरे, पुलिस ने कड़ा रुख अख्तियार कर
लिया। वाटर कैनन से आठ बार पानी की बौछारें छोड़ी गईं जिससे शिक्षक
दूर-दूर जाकर सड़क और फुटपाथ पर गिरे। कुल 52 शिक्षक घायल हुए हैं जिनमें
से 15 को गंभीर हालत में पीजीआइ चंडीगढ़ में भर्ती कराया गया है। 37 शिक्षक
पंचकूला
अस्पताल में उपचाराधीन हैं। यहां सेक्टर-5 के बैला विस्टा चौक के
पास शिक्षकों पर पुलिस ने खूब बल प्रयोग किया। वाटर कैनन से शिक्षकों के
सिर में चोटें आईं और कान के पर्दे भी फट गए। 10 महिला शिक्षक भी घायल हुई
हैं। इनकी बाजू और टांग में फ्रैक्चर है। कंप्यूटर शिक्षक वेलफेयर संघ के
प्रधान बलराम धीमान भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उन्हें पंचकूला से
पीजीआइ रेफर किया गया है। विडंबना है कि गंभीर रूप से घायल शिक्षकों की सुध
लेने प्रशासन की ओर से अस्पताल में कोई नहीं पहुंचा। हालांकि जिला प्रशासन
ने तीन दिन के भीतर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से वार्ता कराकर समस्या का
समाधान निकालने का आश्वासन दिया है। कंप्यूटर शिक्षकों की मुख्यमंत्री के
ओएसडी जवाहर यादव से भी बर्बर पुलिसिया कार्रवाई को लेकर बात हुई है।
उन्होंने भी न्याय के लिए आश्वस्त
किया है। कंप्यूटर शिक्षक संघ के प्रवक्ता सुरेश नैन ने बताया कि चार दिन
पहले शिक्षक पंचकूला के उपायुक्त से मिले थे। उन्होंने दो दिन में
मुख्यमंत्री से मुलाकात का आश्वासन दिया था। चार दिन बीतने के बाद भी कोई
कार्रवाई न होने पर शिक्षकों ने महारैली निकाली। इसमें पुलिस ने शिक्षकों
की आवाज को दबाने का प्रयास किया है। लगभग पांच घंटे तक पुलिस ने जो उनके
वश में था, वह किया। उन्होंने कहा कि तीन दिन में उनका अनुबंध बढ़ाने को
लेकर निर्णय न हुआ तो वे शनिवार को किसी भी हद तक जा सकते हैं।
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साभार: जागरण समाचार
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