पिछले दस माह से अपनी नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे जेबीटी शिक्षक अब पंचकूला में कूच करने और महापड़ाव डालने की तैयारी में जुट गए हैं। नियुक्ति का इंतजार कर रहे 9455 नवचयनित जेबीटी शिक्षकों का दावा है कि उन्हें धीरज रखते हुए लंबा समय बीत चुका है, इसीलिए आंदोलन की राह पकड़नी होगी। शिक्षा विभाग में प्राथमिक शिक्षक के रूप में चयनित हुए 9455 जेबीटी शिक्षकों ने अब नियुक्ति के लिए 21 जून से पंचकूला में
शिक्षा सदन के पास हुड्डा ग्राउंड में महापड़ाव डालने का ऐलान किया है। पात्र अध्यापक संघ के बैनर तले प्रदेशभर से नवचयनित जेबीटी शिक्षक महापड़ाव में शिरकत करेंगे।पात्र अध्यापक संघ के प्रदेश संयोजक पवनचमारखेड़ा ने बताया कि 29 मार्च को करनाल में नवचयनित जेबीटी शिक्षकों ने प्रदेशस्तरीय रैली की थी और तब मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वादा किया था कि 77 दिन में दस्तावेजों की जांच पूरी कर चयनित जेबीटी शिक्षकों को ज्वाइन करवा दिया जाएगा। लेकिन अब 77 दिन पुरे होने के बावजूद अभी तक नियुक्ति देने की कोई प्रक्रिया भी शुरू नहीं की गई है। नियुक्ति में हो रही देरी से चयनित 9455 जेबीटी शिक्षकों में भारी रोष है और नियुक्ति पत्र मिलने तक महापड़ाव जारी रहेगा। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने तिलकराज केस में 30 मार्च 2011 को दिए अपने निर्णय में गैस्ट टीचर्स की जगह नियमित भर्ती करने के लिए सरकार को 31 दिसंबर 2011 तक का समय दिया था लेकिन उक्त तय अवधि में सरकार नियमित शिक्षक भर्ती का विज्ञापन तक भी जारी नहीं कर पाई थी। जिस पर अवमानना याचिका दाखिल हुई तो सरकार ने 16 दिसंबर 2011 को अर्जी दाखिल कर 6 महीने का और समय माँगा जिसको हाईकोर्ट ने ख़ारिज कर दिया था। 20 मार्च 2012 को एक अन्य याचिका में सरकार ने 322 दिन में जेबीटी शिक्षकों की भर्ती पूरी करने का शपथपत्र दिया जिस पर हाईकोर्ट ने 322 दिन में जेबीटी भर्ती पूरी करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी 30 मार्च 2012 को दिए अपने अपने फैसले में 322 दिन में नियमित भर्ती पूरी करने व तब तक गैस्ट टीचर्स को सेवारत रखने की अनुमति दे दी थी। क़ानूनी अड़चनों के चलते भर्ती प्रक्रिया बार-बार लटकी रही। आखिरकार 14 अगस्त 2014 को जेबीटी भर्ती की चयनसूचि जारी हुई। हाईकोर्ट द्वारा महा सिंह केस में सभी नवचयनित जेबीटी के स्टेट/एचटेट में थम्ब इम्प्रेशन की जाँच करवा कर नियुक्ति देने का आदेश दिया गया था। चयनित जेबीटी पिछले 10 महीने से नियुक्ति की राह देख रहे है। यह भी उल्लेखनीय है कि जेबीटी के स्वीकृत पदों पर 6500 के करीब गैस्ट टीचर्स लगे हुए है और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार नवचयनित जेबीटी की नियुक्ति के बाद इन गैस्ट टीचर्स को सेवामुक्त करना होगा।
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साभार: जागरण
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