Tuesday, June 6, 2017

इसरो ने 640 टन के रॉकेट से भेजा 3.1 टन का सेटेलाइट, अब स्पेस में इंसान भी भेज सकेंगे

इसरो ने 640 टन के रॉकेट जीएसएलवी-एमके 3डी1 का सफल प्रक्षेपण किया है। इससे 3136 किग्रा के जीसैट-19 सैटेलाइट भेजा। यह इसरो द्वारा भेजा गया सबसे वजनी रॉकेट सेटेलाइट है। अमेरिका, रूस, यूरोप,
चीन जापान के साथ भारत इस क्लब में गया है। 
2024 तक इंसान भी भेज सकेगा इसरो: इसरो ने स्पेस में इंसान को भेजने की क्षमता हासिल कर ली है। केंद्र 12 हजार करोड़ के मानव मिशन को मंजूरी देता है तो 2024 तक इसरो इस रॉकेट से इंसान को भी भेज सकेगा। 
  • जीएसएलवी-एमके 3डी1 पूरी तरह स्वदेशी है। क्रायोजेनिक इंजन से चलता है, जिसमें तरल ऑक्सीजन तरल हाइड्रोजन का इस्तेमाल होता है। 
  • प्रक्षेपण क्षमता 2.2 से 4 टन हुई। अभी वजनी उपग्रह भेजने के लिए विदेश जाना पड़ता था।
  • 3,404 किलो के जीसैट-18 को फ्रांस की मदद से फ्रेंच गुयाना से भेजा गया था।
  • 21 लाख करोड़ रुपए के स्पेस मार्केट में हिस्सेदारी बढ़ेगी। नए ऑर्डर मिलेंगे। 
  • इसरो 2020 तक 12 से 18 सेटेलाइट भेजेगा। 24 देशों के 180 सेटेलाइट भेज चुका है। 
  • 30 साल की रिसर्च के बाद इसरो ने यह रॉकेट बनाया है। 300 करोड़ रु. खर्च हुए।
  • जीसैट-19: संचारउपग्रह है, इससे हाई स्पीड इंटरनेट सेवा मिलेगी। 10 साल काम करेगा। 160 करोड़ की लागत आई।