जाट सहित 6 जातियों (जाट, रोड, त्यागी, बिश्नोई, जट सिख, मुल्ला जाट) को पिछड़े वर्ग के तहत दिए आरक्षण पर मंगलवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने याची पक्ष से पूछा कि यह आरक्षण संविधान के
खिलाफ कैसे है? इस पर बुधवार को याची अपना पक्ष रखेंगे। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता कुम्हार महासभा की ओर से सीनियर एडवोकेट वीके जिंदल ने जिरह करते हुए कहा कि जहां भी कोई एक्ट संविधान के किसी प्रावधान का उल्लंघन करता हो तो उसे कोर्ट खारिज कर सकता है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। संविधान तथा सुप्रीम कोर्ट की विभिन्न जजमेंट में यह साफ है कि सामाजिक और शैक्षणिक तौर पर पिछड़े वर्ग को ही आरक्षण का लाभ दिया जा सकता है। लेिन जाट सहित 6 जातियों को पिछड़ा दिखाने के लिए सरकार ने आंकड़े नहीं जुटाए। ऐसे में इस आरक्षण को सही नहीं ठहराया जा सकता। इस पर हाईकोर्ट ने पूछा कि आखिर हरियाणा सरकार ने आरक्षण देकर संविधान के कौन से प्रावधान के खिलाफ काम किया। आरक्षण पर रोक जारी रखते हुए कोर्ट ने अगली सुनवाई बुधवार के लिए तय कर दी।
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साभार: भास्कर समाचार
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