एक ही विद्यार्थी का दो अलग-अलग स्कूलों में नाम चलाना स्कूल संचालकों के लिए मुश्किल हो जाएगा। ऐसे फर्जीवाड़ा रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने अपनी रणनीति पूरी करने में जुटा है। सरकारी स्कूलों की तरह प्राइवेट
स्कूलों में पढ़ने वाले हर विद्यार्थी का आधार नंबर शिक्षा विभाग के एमआईएस पोर्टल में रिकार्ड होगा। यानी हर एक विद्यार्थी का शिक्षा विभाग में नाम दर्ज होगा। शिक्षा विभाग के सामने ऐसे कई स्कूलों के फर्जीवाड़े सामने आए हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। बिना मान्यता प्राप्त स्कूलों के संचालक हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की कक्षा 8वीं 10वीं के विद्यार्थियों का झूठ बोलकर एडमिशन तो अपने स्कूल में कर लेते है लेकिन बाद में वे सांठ-गांठ करके अपने स्कूल में पढ़ने वाले बोर्ड की कक्षाओं वाले विद्यार्थियों का नाम शिक्षा बोर्ड मान्यता प्राप्त स्कूलों के रिकार्ड में दर्ज करवा लेते हैं। बिना मान्यता प्राप्त स्कूलों में विद्यार्थियों की फीस काफी कम होती है। इसलिए अभिभावक ऐसे संचालकों के जाल में फंस जाते है।
इसी को लेकर शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर आदेश दिए है कि 80 फीसदी प्राइवेट स्कूलों के विद्यार्थियों के आधार नंबर एमआईएस पोर्टल में दर्ज हो चुके है लेकिन अभी तक 20 फीसदी स्कूलों के विद्यार्थियों का आधार रिकार्ड नहीं मिला है। इसलिए इन स्कूलों में स्पेशल कैंप लगाकर बच्चों के आधार कार्ड बनवाएं जाएं और उन्हें 28 फरवरी तक अपलोड करें।
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साभार: भास्कर समाचार
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