Wednesday, February 22, 2017

ईश्वर सभी के लिए खोलता है अवसरों के सारे दरवाजे

एन. रघुरामन (मैनेजमेंटगुरु)
'आखिरकार आपनेहमारे 'लेफ्टू' के लिए दरवाजे खोल ही दिए।' यह उन्होंने तीन बार ऊंची आवाज में कहा और तीनों बार मुझे लगा कि इस आखिरी शब्द 'लेफ्टू' के साथ कुछ गड़बड़ है। मैं तमिलनाडु के सलेम से 30
किलोमीटर दूर स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर में खड़ा था। यह 17 ‌फरवरी को शुरू की गई मेरी 9 शहरों की यात्रा का हिस्सा था, जो 23 फरवरी को मदुरै के प्रसिद्ध मीनाक्षी मंदिर पहुंचकर खत्म होगी। सलेम जिले का शिव मंदिर अपनी तरह का सबसे सुंदर मंदिर है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। इसका बड़ा हिस्सा दसवीं शताब्दी के आसपास का बना हुआ है। सातवीं शताब्दी के गत्ती मुधाली राजवंश ने इसे बनवाया था। शिव मंदिर की इस सुंदरता के बीच मैं मुग्ध था, लेकिन शब्द लेफ्टू मेरे दिमाग में बार-बार आता रहा। मैं उस व्यक्ति की प्रार्थना पूरी होने का इंतजार कर रहा था। हालांकि, वह विवाहित पुरुष नहीं लग रहा था। मैं उनके पास गया और पूछा लेफ्टू आपका काफी करीबी होगा, इसलिए आप ईश्वर का इतना धन्यवाद कर रहे हैं। उन्होंने जवाब दिया नहीं सार, तमिलनाडु में लोग 'सर' का उच्चारण सार करते हैं, मैं धन्यवाद दे रहा हूं, क्योंकि ईश्वर ने हमारे लेफ्टू नत्ती को क्रिकेट में बड़ा मौका दिया है। 
मैंने कहा माफ कीजिए लेकिन मैं उसे पहचान नहीं सका। उन्होंने तुरंत जवाब दिया- तो फिर आप हमारे सलेम के नहीं हो सकते। मैंने कहा- नहीं। फिर उन्होंने लेफ्टआर्म पेसर थंगारासु नटराजन की कहानी सुनाई। उसने टेनिस बॉल क्रिकेट, जैसा आपने भी गली में लोगों को खेलते देखा होगा, से शुरुआत की और अब देश का सबसे चर्चित क्रिकेटर बन गया है। उसे किंग्स इलेवन पंजाब की टीम ने सोमवार को आईपीएल नीलामी में 3 करोड़ रुपए में खरीदा है। सालेम से 40 किलोमीटर दूर स्थित चिन्नाअप्पामत्ती गांव के दिहाड़ी पर काम करने वाले एक कामगार के इस बेटे को दोस्तों के बीच लेफ्टू नत्ती के नाम से जाना जाता है। खेलप्रेमी उसे टी नटराजन के नाम से जानते हैं। सभी चकित रह गए जब कुछ ही पलों में उसकी कीमत 10 लाख रुपए से 3 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। चेन्नई की फोर्थ डिविजन लीग में खेलने वाले क्रिकेटर जयप्रकाश ने अगर इस 25 साल के खिलाड़ी में कुछ अलग नोटिस नहीं किया होता तो लेफ्टू भी एक सामान्य टेनिस बॉल क्रिकेटर की तरह रह जाता। जयप्रकाश ने उसके माता-पिता को राजी किया कि लेफ्टू को पूरी तरह उसे सौंप दें। अगला कदम था, चेन्नई का जॉली रोवर्स क्लब। इस क्लब से आर अश्विन और मुरली विजय जैसे खिलाड़ी जुड़े रहे हैं। 
तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन लीग में खेलने के लिए चेन्नई आने से पहले लेफ्टू की कमाई का एकमात्र जरिया गली क्रिकेट ही था। यह पेसर टीएन प्रीमियर लीग से चर्चा में आया। यहां वह डिंडिगुल ड्रेगन्स की टीम में था। यह इंडियन प्रीमियर लीग जैसी राज्यस्तरीय लीग है। नटराजन को कटर के लिए पहचाना जाता है और वो अपनी यॉर्कर लैन्थ बॉल से बैट्समैन के पैर के अंगूठों पर प्रहार में माहिर है। प्रीमियर लीग क्रिकेट में उसकी निरंतरता और समर्पण ने आईपीएल के लिए प्रतिभाओं को तलाशने वालों का ध्यान खींचा और सोमवार को फ्रेंचाइजी बिडिंग में जो हुआ वह इतिहास में दर्ज हो गया। लेफ्टू के पिता सलेम की एक गारमेंट फैक्टरी में दिहाड़ी पर काम करते हैं। उनकी मां परिवार की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए सड़क किनारे मीट की दुकान लगाती हैं। प्रोफेशनल मामले में वह डोमेस्टिक सर्किट में मोहम्मद सिराज, के गौतम जैसा पहचाना नाम नहीं है। के गौतम ने कर्नाटक के लिए रणजी मैचों में 19.51 की औसत से आठ मैचों में 27 विकेट लिए थे। उन्हें मुंबई इंडियंस की टीम ने 2 करोड़ रुपए में खरीदा। यह राशि लेफ्टू की तुलना में 1 करोड़ रुपए कम है। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.