सरकारीस्कूलों में छात्रों को वर्दी के लिए मिलने वाली राशि को अब उनके अभिभावक बैंक खातों से निकालकर खर्च नहीं कर पाएंगे। इसलिए यह राशि अब वर्दी खरीदने के बाद ही जारी होगी। इसे लेकर शिक्षा विभाग ने
नियमों में बदलाव कर दिया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। गुड़गांव में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) में जिला शिक्षा अधिकारियों की बैठक में विभाग के अतिरिक्त निदेशक (माध्यमिक) मौलिक निदेशक ने इस पर मंथन किया और निर्णय लिया गया कि अगले सत्र से वर्दी की राशि को सीधे विद्यार्थियों के बैंक खातों में नहीं डाला जाएगा। वर्दी खरीदने के बाद अभिभावकों को इसकी रसीद स्कूल में जमा करवानी होगी। इसके बाद उन्हें राशि जारी होगी। शिक्षा विभाग की तरफ से कक्षा पहली से आठवीं तक के सभी विद्यार्थियों को हर साल वर्दी खरीदने के लिए 800 रुपये देता है। यह राशि विद्यार्थियों को बैंक खातों में डाली जाती है। लेकिन अभिभावक विद्यार्थियों की वर्दी के लिए आई राशि को निकालकर अपने निजी काम में इस्तेमाल कर लेते हैं। जिसके कारण काफी विद्यार्थियों को पहनने को वर्दी नहीं मिल पाती और उन्हें साधारण कपड़ों में ही स्कूल जाना पड़ता है। इस पर विभाग के अधिकारियों ने निर्णय लिया कि भविष्य में वर्दी खरीदने के लिए पहले राशि जारी नहीं की जाएगी बल्कि अभिभावकों को अपनी जेब से वर्दी खरीदनी होगी और उसका बिल स्कूल में जमा करवाना होगा। इसके बाद शिक्षा विभाग वर्दी की राशि जारी करेगा।
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साभार: भास्कर समाचार
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