नोटबंदी के बाद 70 साल से ज्यादा उम्र के लोगों ने अगर खाते में 5 लाख रु. तक जमा कराए हैं तो आयकर विभाग उनका वेरिफिकेशन नहीं करेगा। इससे कम उम्र वालों के लिए यह सीमा 2.5 लाख ही रहेगी। वित्त
मंत्रालय के एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि नोटबंदी के बाद 50 दिनों में बैंक में पैसे जमा कराने वाले हर शख्स से पूछताछ नहीं होगी। यह सिर्फ वेरिफिकेशन है, स्क्रूटनी या असेसमेंट नहीं। वेरिफिकेशन भी ऑनलाइन होगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। 70 साल तक के किसी व्यक्ति ने 2.5 लाख से ज्यादा जमा कराए हैं तो उसे आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाकर सिर्फ पैसे का स्रोत बताना होगा। अगर जमा रकम व्यक्ति के इनकम टैक्स रिटर्न से मेल खाती है तो वेरिफिकेशन वहीं बंद कर दिया जाएगा। दिल्ली के छतरपुर इलाके के रोहित कुमार का दावा है कि उसने 6 फरवरी को एसबीआई संगम विहार के एटीएम से 8 हजार रु. निकाले थे। 2000 के चारों नोट नकली मिले। इन पर चिल्ड्रन बैंक ऑफ इंडिया लिखा है। पुलिस का मानना है कि इन नोटों के बारे में जिम्मेदारी नोट डालने वाली कंपनी के व्यक्ति की बनती है। मोहम्मद इसा नाम के व्यक्ति से पूछताछ की जा रही है। केंद्र ने स्पष्ट किया कि 1000 का नया नोट लाने की अभी कोई योजना नहीं है। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। कहा, 'अभी पूरा ध्यान 500 इससे कम मूल्य के नोटों की छपाई सप्लाई पर है।
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साभार: भास्कर समाचार
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