हरियाणा सरकार ने एग्रो बिजनेस स्कूल खोलने का निर्णय लिया है ताकि सूचना प्रौद्योगिकी के बदलते दौर के अनुरूप किसान भी अपने उत्पादों को सीधे उपभोक्ताओं को बेच सकें। इस दिशा में नाबार्ड, बैंकिंग व्यवस्था के साथ-साथ समाज के लोगों को किसानों के सहयोग के लिए आगे आना होगा, तभी 2022 तक किसानों की आय
दोगुनी करने के लक्ष्य हासिल हो सकेगा। यह बात सोमवार को 2017-18 के स्टेट फोकस पेपर जारी करने को आयोजित कार्यक्रम में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने कही। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। आेपी धनखड़ ने कहा कि नाबार्ड ने प्रदेश के लिए वर्ष 2017-18 के लिए 52274 करोड़ रुपए के फसल ऋण के प्रावधान के साथ कुल 118875 करोड़ रुपये की संभाव्यता ऋण योजना (स्टेट फोकस पेपर) जारी किया गया है। यह पिछले साल की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि किसानों को भी बाजार की मांग के अनुसार फसल चक्र, फसल प्रबंधन एवं फसल विपणन प्रबंधन की अवधारणा अपनानी होगी। जब एग्रो टेक जैसे मेलों में भी बड़ी-बड़ी कम्पनियों के मालिक स्वयं स्टाल लगाकर अपने उत्पाद बेच रहे हैं तो किसानों को बाजार में बैठने की अपनी सामाजिक मानसिकता बदल कर बेचने की कला सीखनी ही होगी।
140 जैविक गांव घोषित: कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों का रुझान परंपरागत फसलों की बजाय बागवानी अन्य नकदी फसलों की ओर हो, इसके लिए राजधानी क्षेत्र में पैरी-एग्रीकल्चर अवधारणा लागू करने का भी प्रस्ताव तैयार किया है ताकि दिल्ली समेत कई क्षेत्रों में दूध, फल-फूल, सब्जी, दही अंडे अन्य डेरी उत्पाद की मांग को पूरा किया जा सके। 140 गांवों को जैविक गांव घोषित किया गया है ताकि किसान समूह के माध्यम से उत्पादों का ब्रांड बना कर उपभोक्ताओं तक पहुंचा सके। कृषि मंत्री ने किसानों से आह्वान किया कि वे बागवानी अन्य नकदी फसलों की ओर रुझान करें।
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साभार: भास्कर समाचार
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