पंजाबमें इनेलो के एसवाईएल नहर खोदने के कार्यक्रम को लेकर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और विपक्ष के नेता अभय चौटाला में जुबानी जंग तेज हो गई है। विज ने इनेलो के कार्यक्रम को महज राजनीतिक स्टंट बताया तो
अभय ने मंत्री से नहर खुदाई में सहयोग करने अपील कर डाली। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने सोमवार को कहा कि इनेलो का नहर 'खुदाई का तो बहाना है, लेकिन लक्ष्य केवल फोटो खिंचवाना' है। पंजाब में अकाली और हरियाणा में इनेलो एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, इसलिए वे एक फिक्स मैच खेल रहे हैं। इनेलो नोटंकी कर रहा है। पहले से निर्धारित है कि किस व्यक्ति ने कस्सी चलानी है, किसने डंडे मारने हैं, किसने लाल रंग लगाना है और किसने फोटो खींचनी है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हम चाहते हैं कि इनेलो तब तक खुदाई करे जब तक प्रदेश को पानी नहीं मिल जाता। यदि वे एसवाईएल का पानी लाने में सफल होते हैं तो वे स्वयं जाकर उनके गले में माला डालेंगे। हमारी सरकार द्वारा की गई मामले की पैरवी से ही सर्वोच्च न्यायालय ने प्रदेश के हक में फैसला दिया है, जबकि इनेलो इसमें मात्र राजनीति जमीन तलाशने का प्रयास कर रहा है। अभय ने विज के जवाब में कहा कि बेशक पंजाब सरकार सेना को तलब कर ले, लेकिन इनेलो 23 फरवरी को नहर की खुदाई करेगा। किसी भी सूरत में पीछे नहीं हटेगा। अभय सिरसा में अपने आवास पर सोमवार को कार्यकर्ताओं की मीटिंग के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। अभय ने कहा कि सरकार के मंत्री सुर्खियों में रहने के लिए बयानबाजी कर रहे हैं। विज को अगर हरियाणा के हितों की चिंता है तो वे बयानबाजी छोड़कर एसवाईएल नहर खुदाई के लिए आगे आएं। इधर, पूर्व सीएम हुड्डा ने इनेलो से कांग्रेस के साथ मिलकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की अपील की है।
नेशनल ब्यूराे, नई दिल्ली | एसवाईएलनहर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री कार्यालय से हस्तछेप की मांग की गई है। हरियाणा के सामाजिक संगठन दो जमा पांच ने इस बाबत प्रधानमंत्री कार्यालय को ज्ञापन सौंपा है। दरअसल दो जमा पांच के मुखिया सत्यवीर हुड्डा ने पंजाब के मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री पर अदालत की अवमानना का केस दायर किया है। संगठन की मांग है कि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री इस मुकदमे को एडवोकेट जनरल के जरिए मंजूरी दिलवांए। सतलुज यमुना लिंक नहर के विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के पक्ष में फैसला सुनाया था। आंदोलनकारियों का कहना है कि पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निरस्त कर दिया, जिसके बाद अदालत में अवमानना की याचिका दायर की गई। इस मुद्दे पर हरियाणा के 21 वकीलों का एक प्रतिनिधि मंडल एडवोकेट जनरल से मुलाकात कर उन्हें विषय की जानकारी दे चुका है। इनेलो से सहयोग मांगा है।
इनेलो की 23 फरवरी को एसवाईएल पर सिटी की नई मंडी में होने वाली रैली को कंडीशनल मंजूरी मिली है। इससे पहले जिला प्रशासन ने इनेलो नेताओं को को सेक्टर-8 स्थित हुडा मैदान या फिर नन्यौला की अनाज मंडी में रैली करने की अपील की थी, लेकिन इनेलो सब्जी मंडी पर ही अड़ी हुई थी। डीसी प्रभजोत सिंह ने इनेलो के जिला अध्यक्ष शीशपाल जंधेड़ी को 13 शर्तों पर रैली की मंजूरी दी। रैली में कोई लाठी या हथियार लेकर नहीं आएगा। कोई वाहन जीटी रोड पर खड़ा नहीं होगा। एनएच पर लगी रेलिंग को नुकसान नहीं होना चाहिए। रैली स्थल पर कोई नुकसान नहीं होगा, के साथ अन्य शर्तें रखी गई हैं। शीशपाल ने कहा कि रैली को अभय चौटाला संबोधित करेंगे। इसके बाद पंजाब में घग्गर सराय की तरफ कूच करेंगे, जहां एसवाईएल की खुदाई की जाएगी।
अम्बाला में इनेलो के 23 फरवरी को पंजाब में एसवाईएल खोदने को लेकर अम्बाला-राजपुरा हाइवे पर डिवाइडर के बीच में गड्ढे खोद दिए गए। यही नहीं एक लंबी चौड़ी दीवार भी खड़ी कर दी। हालांकि यातायात प्रभावित नहीं हुआ है, लेकिन इनेलो इसे पंजाब की सोची-समझी साजिश बा रही है। हाइवे पर इस तरह की गतिविधि देखते ही पुलिस-प्रशासन मौके पर पहुंचा। फिलहाल प्रशासन ने गड्ढा बंद करवा दिया है, लेकिन दीवार नहीं ढहाई गई। हालांकि पता नहीं चल पाया कि यह काम किसने किया, इसे लेकर पुलिस की जांच जारी है। पूरे प्रदेश से इनेलो कार्यकर्ता अम्बाला सब्जी मंडी में इकट्ठा होंगे। फिर वहां से घग्गर सराय पहुंचेंगे। वहां पहुंचकर एसवाईएल को खोदने का कार्यक्रम है। मगर इस पर पंजाब के तेवर साफ नहीं हैं।
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साभार: भास्कर समाचार
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