हरियाणा के सरकारी स्कूलों में शिक्षा विभाग की ओर से इस बार 17 फरवरी को फिर से लर्निंग लेवल टेस्ट लिया जाएगा। हर बार की तरह इस बार भी ऑड-इवन फार्मूला अपनाते हुए कक्षा 1 से 12 तक के स्टूडेंट्स को इस टेस्ट
प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। टीमें बनाई जा चुकी हैं। टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर टीचरों की परफॉरमेंस का आकलन होगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी पीके दास ने बताया कि इससे पहले भी इस तरह के टेस्ट दो-तीन बार लिए जा चुके हैं। इन टेस्ट के सकारात्मक परिणाम दिख रहे हैं। बच्चों के लर्निंग लेवल में पहले की अपेक्षा काफी इंप्रूवमेंट नजर रहा है। टेस्ट का उद्देश्य बच्चों की ओवर ऑल पर्सनेलिटी को निखारना है। इसीलिए वाद-विवाद, निबंध लेखन, उनकी रुचि के मुताबिक रागनी गायन, ड्राइंग, पेटिंग और अन्य एक्टिविटी में शामिल होंगी।
धीरे-धीरे कठिन होते जा रहे हैं सवाल: लर्निंग लेवल टेस्ट के लिए एक रणनीति के तहत स्टूडेंट से पूछे जाने वाले सवालों को भी कठिन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य यह है कि बच्चों पर एक साथ इतना बोझ भी पड़े कि वे पढ़ें ही नहीं और इस टेस्ट का उद्देश्य ही फेल हो जाए। एसीएस पीके. दास का मानना है कि बच्चों में पाठ याद करने या रटने की आदत भी नहीं होनी चाहिए, बल्कि पूरा विषय उसके समझ में आना चाहिए। इसलिए कुछ इस तरह के सवाल भी टेस्ट में शामिल किए जा रहे हैं।
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साभार: भास्कर समाचार
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