राजनीतिक रैलियों के लिए निजी स्कूलों की बसों के उपयोग मामले मेंं हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना याचिका पर कोर्ट ने हरियाणा सरकार गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को नोटिस जारी करते हुए जवाब
दाखिल करने के आदेश दिए हैं। मामले में फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा द्वारा एडवोकेट पंकज मैनी के जरिए याचिका दाखिल करते हुए कहा गया कि सरकार से संबंधित राजनीतिक दल जनता को अपनी ताकत दिखाने के लिए रैलियां आयोजित करते हैं। अपनी रैलियों के लिए वे निजी स्कूलों की बसें ले लेते हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। प्रदेश की स्कूली बसों को मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों के अंतर्गत हरियाणा परिवहन विभाग द्वारा परमिट जारी किए जाते हैं। परमिट जारी करते हुए क्षेत्र निर्धारित किया जाता है। रैलियों के लिए इन सभी को ताक पर रखकर स्कूली बसों को राज्य से बाहर ले जाया जाता है। रैली के आयोजक स्कूलों की बसों और उसके स्टाफ का इस्तेमाल करते हैं। प्रबंधकों पर बसें भेजने के लिए दबाव डाला जाता है। याचिका में मांग की गई थी कि सरकार को राजनीतिक रैलियों के लिए स्कूली बसों का इस्तेमाल करने के आदेश जारी किए जाएं। याचिका का निपटारा करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा के गृह सचिव को याची की रिप्रेजेंटेशन पर फैसला लेने के आदेश दिए थे। आदेशों के बावजूद रिप्रेजेंटेशन पर सरकार की तरफ से कोई कार्रवाई किए जाने पर अब अवमानना याचिका दायर की गई है।
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साभार: भास्कर समाचार
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