मजदूर दिवस पर रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महर्षि भृगु की धरती बलिया से दस महिलाओं को अपने हाथों से कनेक्शन देकर तीन साल में गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले पांच करोड़ परिवारों के लिए मुफ्त एलपीजी सिलेंडर प्रदान करने वाली उज्ज्वला योजना का आगाज किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले वर्ष में 1.5 करोड़
कनेक्शन दिए जाएंगे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। 21वीं सदी का मंत्र देते हुए कहा कि विश्व के मजदूरों आओ, हम दुनिया को एक करें, दुनिया को जोड़ दें। दुनिया को जोड़ने का सबसे प्रभावी सीमेंट है मजदूरों का पसीना। इस दौरान उन्होंने खुद को ‘श्रमिक नंबर 1’ बताया। कहा कि पहले एक नारा चलता था कि दुनिया के मजदूरों एक हो जाओ। उस नारे में राजनीति झलकती थी। आज 21वीं सदी में दुनिया को जोड़ने की जरूरत है। करीब 49 मिनट के उद्बोधन में मोदी ने जहां अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और उत्तर प्रदेश की बदहाली पर पूर्व प्रधानमंत्रियों को निशाने पर लिया, वहीं भोजपुरी में ‘महर्षि भृगु की धरती पर सभै के परनाम, हाथ जोड़ के दिल से सभै के परनाम..’ बोलकर भावनात्मक संवाद भी स्थापित किया। उन्होंने कहा कि हमने श्रम कानून में परिवर्तन किए। न्यूनतम 1000 रुपये मासिक पेंशन की व्यवस्था की। श्रम सुविधा पोर्टल चालू किया। तय किया कि मजदूर जहां जाएंगे, उनका पीएफ वहीं स्थानांतरित होगा। बोनस के लिए न्यूनतम पगार 21000 रुपये व बोनस की राशि भी न्यूनतम सात हजार तय की।
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साभार: जागरण समाचार
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