पूर्व हुड्डा सरकार के समय एएनएम-जीएनएम दाखिला में बड़े स्तर पर हुई
धांधली को देखते हुए मनोहर सरकार का निजी शिक्षण संस्थान के विरुद्ध रुख
कड़ा है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सभी निजी नर्सिग, दंत,
फिजियोथैरेपी तथा स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षण संस्थानों का निरीक्षण कराने
के निर्देश दिए हैं। इन संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को समुचित
शैक्षणिक माहौल एवं संसाधन उपलब्ध कराने के मद्देनजर ये निर्णय लिया गया
है। स्वास्थ्य मंत्री ने चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त
मुख्य सचिव को जांच समिति का गठन करने के लिए कहा है। निरीक्षण का कार्य
सितंबर माह में ही पूरा कर लिया जाएगा। प्रदेश के विभिन्न निजी शिक्षण
संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों तथा उनके अभिभावकों की शिकायत पर
कार्रवाई करते हुए ये निर्णय लिया गया है। विद्यार्थियों से मिली शिकायत
के अनुसार प्राईवेट शिक्षण संस्थानों में सुविधाओं, उपकरणों एवं शिक्षकों
की कमी के कारण वे अपनी पढ़ाई ठीक से नही कर पाते हैं। विज ने बताया कि
शिकायतों के मद्देनजर प्रदेश के सभी निजी मेडिकल शिक्षण संस्थानों के ताजा
निरीक्षण के लिए
सभी जिलों में कमेटियों का गठन किया जाएगा। इन कमेटियों में जनस्वास्थ्य,
पीडब्ल्यूडी बीएंडआर, नगर एवं आयोजना विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, शहरी
निकाय विभाग तथा वास्तुकार विभाग सहित अन्य आवश्यक विभागों के अधिकारी
शामिल होंगे। इन संस्थानों का निरीक्षण आइएनसी, एमसीआइ तथा डीसीआइ के नियम
अनुसार कराया जाएगा। सरकार ने धांधलियों की शिकायत के बाद एएनएम व जीएाएम
छात्रओं का परिणाम रोक दिया था और उसकेबाद काफी हंगामा भी हुआ था। नर्सिग
छात्रओं ने काफी जगह प्रदर्शन किए लेकिन सरकार का रुख जस का तस कायम रहा।
अब शिक्षण संस्थानों पर फ्राड पर शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है।
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साभार: जागरण
समाचार
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