इस बार शिक्षक दिवस पर प्रदेश के गुरुजी राज्य अवार्ड से सम्मानित नहीं हो
पाएंगे। राजनीति का सहारा लेने वाले गुरुजी तो अवार्ड के लिए सोचना ही छोड़
दें। क्योंकि शिक्षा विभाग शिक्षक अवार्ड को लेकर नई नीति बनाने जा रहा
है। नई नीति के तहत कई ऐसी शर्तें लागू की जा रही हैं, जो कि
केवल मेहनत करने वाले शिक्षकों को ही सम्मान दिलाने का हक प्रदान करेंगी। केंद्र व राज्य सरकार 5 सितंबर को पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन
के जन्म दिन पर शिक्षकों को अवार्ड देकर सम्मानित करती आ रही हैं। लेकिन नई
राज्य सरकार को पुरानी शर्ते पसंद नहीं आई हैं और अधिकारियों का मानना है
कि इससे कई बार ऐसे लोग भी सम्मानित हो जाते हैं, जो कि हकदार न होते हुए
भी अवार्ड लेने में कामयाब हो जाते थे। इन शर्तो में अब व्यापक बदलाव किया
गया है। शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए नई नीति बनाई जा चुकी है और इसे
राज्य सरकार द्वारा जल्द ही अप्रू्अल मिलने की संभावना है। फिलहाल तो यह तय
है कि नई नीति लागू करने में सरकार व शिक्षा विभाग को समय लगेगा और तब तक 5
सितंबर का दिन बीत चुका होगा। ऐसे में प्रदेश में शिक्षक दिवस तो मनेगा पर
शिक्षक सम्मानित नहीं होंगे।
परीक्षा परिणाम पर होगी विशेष नजर: नई नीति
में शिक्षकों के परीक्षा परिणाम पर विशेष नजर रखी जाएगी। सम्मानित होने
वाले शिक्षकों का परीक्षा परिणाम खराब होने की स्थिति में उन्हें सम्मान
नहीं दिया जाएगा और न ही किसी भी तरह से राजनीति से प्रभावित होकर शिक्षक
अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। नई नीति की शर्तों पर खरा उतरने वाले
शिक्षक को ही सम्मानित करने की योजना है। इस बारे में शिक्षा विभाग के
निदेशक एमएल कौशिक ने कहा कि शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए नई नीति
बनाई जा चुकी है और सरकार को भेजी हुई है।
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साभार: जागरण
समाचार
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