हैदराबाद स्थित नालसर विधि विश्वविद्यालय ने एक छात्र को देश का पहला जेंडर
न्यूट्रल स्नातक की डिग्री जारी किया है। वह छात्र नहीं चाहता था कि उसके
नाम के आगे लैंगिक पहचान के लिए सम्मान स्वरूप मिस्टर (Mr.) या मिस (Ms.)
लगे। इसकी जगह उसकी इच्छा थी कि उसके नाम के आगे Mx (इसका उच्चारण
मुक्स या मिक्स किया जाता है) लिखा जाए। ब्रिटेन में हालिया दिनों में ऐसा
लिखा जाना प्रचलन में है। अनिंदिता
मुखर्जी ने इसी साल कानून में स्नातक
किया है। अनिंदिता ने विश्वविद्यालय प्रशासन से आग्रह किया था कि उसे
प्रमाण-पत्र और विश्वविद्यालय में Mx कहकर संबोधित किया जाए।
विश्वविद्यालय ने यह आग्रह स्वीकार कर लिया। ऐसा करने वाला संभवत: यह भारत
का पहला शिक्षण संस्थान बन गया। मुखर्जी ‘He’ या ‘She’ कहलाने की जगह ‘They’
कहलाना पसंद करती हैं। मुखर्जी ने कहा, ‘विश्वविद्यालय ने हमें हमारा
अस्थायी प्रतिलिपि भेजा और कहा कि यदि हम इसमें कोई सुधार चाहते हों तो एक
हफ्ते के अंदर मेल करें। मैंने इस आग्रह के साथ जवाब भेजा कि सम्मानसूचक
शब्द को सुधारा जाए। मेरा मानना है कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि मेरे
ब्योरे में मेरे जेंडर का उल्लेख किया जाए। मैंने इच्छा जताई कि मेरे नाम
के आगे Ms.अनिंदिता मुखर्जी नहीं लिखकर Mx. अनिंदिता मुखर्जी लिखा
जाए।’ ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भी जेंडर जाहिर नहीं करने देने की
व्यवस्था है लेकिन इसके लिए एक कानूनी प्रक्रिया अपनानी पड़ती है।
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साभार: जागरण
समाचार
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