Tuesday, February 10, 2015

जानिए: दूध पीना चाहिए या नहीं?

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दूध हमेशा से ही हमारी डाइट का बेहद जरूरी हिस्सा रहा है। लेकिन बात जब फिटनेस की आती है तो इससे जुड़े कई सवाल हमारे मन में उठते हैं। जैसे क्या दूध पीने से मोटे होते हैं या फिर बाजार में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के दूध में से किसे अपनाना फायदेमंद है?
क्या दूध मोटापा बढ़ाता है: वैज्ञानिकों की कई रिसर्च में यह साबित हो चुका है कि कैल्शियम से हमारे शरीर की फैट बर्न करने की क्षमता बढ़ती है। इसके अलावा इसमें मौजूद मिल्क प्रोटीन भी फैट बर्न करने में मदद करते हैं। इसका मतलब है कि दूध पीने से वजन बढ़ता नहीं, कम होता है। हालांकि सही मात्रा का नियम यहां भी लागू होता है। यानी जरूरत से ज्यादा दूध नुकसानदेह है।
250 मिलीलीटर होल मिल्क (मलाईयुक्त दूध) में करीब 150 कैलोरीज होती हैं। अगर आप पर्याप्त मात्रा में दूध लेना चाहते हैं तो स्किम मिल्क (लो फैट मिल्क) अच्छा विकल्प साबित हो सकता है क्योंकि इसमें होल मिल्क की तुलना में कम कैलोरीज (करीब 120 कैलोरीज) होती हैं। 
क्या दूध मसल्स बनाता है: अगर आप वर्कआउट करते हैं और अपनी मसल्स को बढ़ाना चाह रहे हैं तो आपको दूध जरूर पीना चाहिए। दूध में मौजूद प्रोटीन में 20 प्रतिशत ‘वे’ (छाछ) और 80 प्रतिशत केसइन होता है। ये दोनों ही हाई-क्वालिटी प्रोटीन हैं। इसमें से ‘वे’ को फास्ट प्रोटीन के नाम से जाना जाता है क्योंकि इसे खून जल्दी एब्जॉर्बकर लेता है। वहीं केसइन धीरे पचता है जिससे शरीर को लंबे समय तक थोड़ी-थोड़ी मात्रा में प्रोटीन मिलता रहता है। इन दो तरह के प्रोटीन्स के परफेक्ट कॉम्बिनेशन के कारण दूध मसल्स के लिए आदर्श ड्रिंक माना जा सकता है और रोजाना एक गिलास दूध वर्कआउट के फायदे को बढ़ा सकता है।
कितने प्रकार के दूध: बाजार में दूध के कई विकल्प मौजूद हैं। इसलिए अक्सर यह सवाल उठता है कि अच्छी सेहत के लिए सबसे बढ़िया विकल्प कौन-सा है: 
  1. काऊ मिल्क: गाय के दूध को ओमेगा 3 के विकल्प रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे मोटापा नहीं बढ़ता है लेकिन इसे हेल्दी डाइट के साथ लिया जाना चाहिए। यह प्रोटीन, विटामिन बी और पोटेशियम का अच्छा स्त्रोत है। 
  2. गोट मिल्क: पहाड़ी इलाकों में ज्यादा इस्तेमाल होने वाला बकरी का दूध हडि्डयों को कमजोर होने से रोकता है, साथ ही मेटाबॉलिज्म भी बढ़ाता है। कम फैट होने के कारण इसे गाय के दूध से बेहतर माना जाता है। 
  3. सोया मिल्क: जिन्हें सामान्य दूध से एलर्जी की शिकायत है या जो दूध को मांसाहार ही श्रेणी में रखते हैं उनके लिए सोया मिल्क अच्छा विकल्प है। यह वजन कम करता है। वहीं इसमें मौजूद ओमेगा 3 व 6 भी काफी फायदेमंद हैं। 
  4. कोकोनट मिल्क: दक्षिण भारत में बहुतायत में इस्तेमाल होने वाला नारियल का दूध प्रोटीन का अच्छा स्रोत है। यह भी वजन कम करने और पाचन तंत्र मजबूत करने में मददगार है। इसी तरह बादाम दूध भी फायदेमंद है जो लो फैट होता है। 
कच्चा या पाश्च्युरीकृत मिल्क: कच्चे और पाश्च्युराइज्ड दूध में से किसे चुना जाए यह सवाल हमेशा विवादों में रहा है। ऑर्गनिक फूड के समर्थक कच्चे दूध को प्राथमिकता देते हैं क्योंकि उनका मानना है कि कच्चे दूध में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, विटामिन और मिनरल्स होते हैं जो उबालने पर कम हो सकते हैं। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि कच्चे दूध में कई बैक्टीरिया भी होते हैं जो पाश्च्युराइजेशन में खत्म हो जाते हैं और दूध की न्यूट्रीशनल वैल्यू में कोई फर्क नहीं पड़ता है। 
  1. स्किम्ड मिल्‍क यानी मलाईरहित दूध ही क्‍यों:क्रीमयुक्‍त दूध की तुलना में मलाईरहित दूध पीना सेहत के लिहाज से अधिक फायदेमंद माना जाता है। यूएस के एग्रीकल्‍चर डिपार्टमेंट के शोध की मानें तो स्किम्ड दूध पीने से कार्डियोवस्‍कुलर बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है। मलाईरहित दूध में वसा की मात्रा कम होती है, यानी यह कोलेस्‍ट्रॉल कम करने के लिए अच्‍छा आहार है। मलाईरहित दूध में फैट नहीं होता है, लेकिन बाकी सभी जरूरी पौष्टिक तत्‍व होते हैं।  
  2. हड्डियों को मजबूत बनाए: उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों का घनत्‍व कम होने लगता है, जिसे बरकरार रखने के दूध का सेवन करना जरूरी है। मलाईरहित दूध में कैल्शियम, फॉस्फोरस और प्रोटीन के साथ विटामिन डी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है।  
  3. हड्डियों की बीमारी से बचाव: बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों की बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है, और 40 की उम्र के बाद ऑस्टियोपोरोसिस, गाउट, गठिया आदि होने की संभावना होती है। लेकिन अगर आप रोज एक गिलास मलाईरहित दूध का सेवन करते हैं तो ऑस्टियोपोरोसिस की आशंका कम हो जाती है। इसमें पाया जाने वाला कैल्शियम और फॉस्फोरस दांतों के स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है। इसमें प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला प्रोटीन कैसीन दांतों के लिए बहुत उपयोगी है, क्योंकि यह दांतों के इनेमल पर पतली परत बना लेता है, जो दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ रखने में सहायक होता है।  
  4. दिमाग के लिए फायदेमंद: दिमाग को स्‍वस्‍थ और तेज बनाए रखने के लिए स्किम्‍ड दूध का सेवन कीजिए। दिमाग को चुस्त बनाए रखने के लिए रोजाना एक गिलास दूध का सेवन फायदेमंद होता है। ऐसा करने से आपकी दिमागी क्षमता तेज होगी। यह कई अध्ययनों में साबित भी हो चुका है कि दूध न सिर्फ पोषक तत्वों से भरपूर होता है, बल्कि इससे बुद्धि पर सकारात्मक असर पड़ता है और मानसिक क्षमता बढ़ती है।  
  5. तनाव से बचाएं: वर्तमान अनियमित दिनचर्या और अस्‍वस्‍थ खानपान के साथ काम की अधिकता के कारण तनाव आना लाजिमी है। इससे बचने के लिए स्किम्‍ड मिल्‍क का सेवन कीजिए। रात में सोने से पहले एक गिलास गुनगुना दूध पीने से मांसपेशियों और नसों को आराम मिलता है और नींद अच्छी आती है। इससे तनाव दूर होता है।  
  6. त्‍वचा निखारें: स्किम्‍ड दूध का सेवन करने से त्‍वचा में प्राकृतिक रूप से निखार आता है। दरअसल, स्किम्‍ड दूध में कैल्शियम, प्रोटीन व चिकनाई होती है, जिससे त्वचा में कसाव आता है और झुर्रियां कम होती हैं। दूध में पाया जाने वाला लैक्टिक एसिड एक्सफोलेंट और एंजाइम की तरह काम करता है, जो त्वचा को कोमल बनाने का काम करता है। इसमें एमीनो एसिड होता है, जो चेहरे को नमी प्रदान करता है।  
  7. वजन कम करें: सामान्‍य दूध में फैट अधिक होता है। इसके सेवन से शरीर में कोलेस्‍ट्रॉल की मात्रा बढ़ती है। परिणामस्‍वरूप वजन भी बढ़ता है, जबकि स्किम्‍ड दूध में फैट न के बराबर होता है और सभी पौष्टिक तत्‍व होते हैं। ऐसे में, वजन कम करने के लिए इसका सेवन फायदेमंद है। इसके अलावा कैंसर से बचाव, दिल की बीमारियों से बचाव, आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए दूध का सेवन कीजिए। 


साभार: भास्कर समाचार
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