Tuesday, February 10, 2015

आम आदमी पार्टी के इन चार चेहरों ने पलटा मैच का पासा

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दिल्ली विधानसभा चुनावों में 'आप' की जीत ने सभी को हैरत में डाल दिया है। इस धमाकेदार जीत के बाद विरोधी पार्टी बीजेपी के नेताओं ने 'आप' की जीत को स्वीकार कर लिया है। नरेंद्र मोदी ने खुद फोन कर दिल्ली के भावी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बधाई दी है। मीडिया पंडितों का मानना है कि 'आप' की इस चौंकाने वाली जीत में केजरीवाल टीम के चार लोगों की अहम भूमिका है। आइए, जानते हैं कौन हैं वे लोग, जिन्होंने दिल्ली चुनाव में पासा पलटकर रख दिया। 
दिव्यांक अग्रवाल और टीम (सोशल मीडिया) 
आईआईटी, बॉम्बे से दस वॉलिंटियर की एक टीम को आम आदमी पार्टी की रणनीति का अहम हिस्सा माना जाता है। नवंबर 2014 में आईआईटी-बी वॉलिंटियर्स ने एक रिसर्च टूल विकसित किया था। यह सोशल मीडिया पर हजारों-लाखों पोस्ट के आधार पर मतदाताओं के विचारों का विश्लेषण करता है।
इस टूल की मदद से आप को दिल्ली की जनता की भावनात्मक मुद्दों जैसे महिला सुरक्षा, बिजली बिल आदि को समझने में मदद मिली। इस टीम के सूत्रधार दिव्यांक अग्रवाल हैं। आईआईटी में फिजिक्स इंजिनियरिंग में उनका चौथा साल है। उनकी टीम के तीन से चार स्टूडेंट वॉलिन्टियर्स लगातार कम्प्यूटर स्क्रीन पर दिल्ली ऑफिस से जुड़े रहते हैं और अपने डाटा से चुनाव रणनीति बनाने में मदद करते हैं। गौरतलब है कि आईआईटी बॉम्बे कैम्पस में आप के एक हजार के करीब सदस्य हैं।  
मनीष सिसोदिया (मीडिया मैनेजर) 
एक न्यूज चैनल में पत्रकार रहे मनीष सिसोदिया अरविंद केजरीवाल के सबसे पुराने साथी हैं। केजरीवाल का दायां हाथ माने वाले सिसोदिया को मीडिया को मैनेज और हैंडल करने वाले सदस्य के तौर पर जाना जाता है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पूर्व पत्रकार रहे मनीष मीडिया की कार्यशैली से पूरी तरह वाकिफ हैं। 'आप' की रणनीतियों में सिसोदिया की सीधी दखल होती है। किसी आरोप-प्रत्यारोप पर मीडिया में किस समय और कब कैसे प्रतिक्रिया देनी है, इसका फैसला खुद सिसोदिया लेते हैं। वे मीडिया से बात करते समय केजरीवाल से थोड़े ज्यादा विनम्र होते हैं। राजनीति में उतरने से पहले दोनों ने मिलकर पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन और इंडिया अगेंस्ट करप्शन की स्थापना की थी। जब केजरीवाल ने भूख हड़ताल शुरू की थी, तब सिसोदिया ने व्यापक स्तर पर वॉलिन्टियर्स से जुड़ने के लिए कहा था। लेकिन नजदीकी दोस्त होने के नाते उन्हें केजरीवाल के स्वास्थ्य की चिंता भी थी। उन्होंने केजरीवाल से भूख हड़ताल बंद करने के लिए भी कहा था। उन्होंने कहा कि हमें देश के लिए लड़ना है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम छह घंटे का उपवास रखें या फिर छह दिन का। 
योगेंद्र यादव (थिंक टैंक) 
राजनीतिक पंडित और भारत के सबसे बड़े चुनाव विश्लेषकों में से एक माने जाने वाले योगेंद्र यादव ने बड़े अंतर से 'आप' की जीत का दावा किया था। वे केजरीवाल टीम के थिंक टैंक माने जाते हैं। इंडिया अगेंस्ट करप्शन जैसा मुद्दा देकर उन्होंने 'आप' के लिए राजनीतिक जमीन तैयार की। योगेंद्र यादव ने 'आप' के घोषणापत्र में गांधीवादी और लोहिया के समाजवादी तत्वों को भी शामिल किया था। यादव अपने गुरु किशन पटनायक के आदर्शों के साथ पार्टी में शामिल हुए थे। समाजवादी नेता रहे पटनायक ने सक्रिय राजनीति छोड़ दी थी। माना जाता है कि केजरीवाल टीम पर पटनायक की 'समाजवादी जन परिषद' पार्टी का गहरा प्रभाव है। यादव ने अपने अनुभव से 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में 'आप' के लिए जमीन तैयार की थी, जिसका फायदा इस बार के चुनाव में हुआ। 
गोपाल राय (पार्टी प्रवक्ता) 
अरविंद केजरीवाल की भूख हड़ताल के दौरान उग्र भाषण देने वाले गोपाल राय को कई लोग भूल चुके होंगे। गोपाल राय 'आप' के प्रवक्ता हैं। उन्हें आम रैलियों में भीड़ को बांधे रखने और पार्टी की बात को पब्लिक प्लेटफॉर्म पर रखने की कला आती है। यही कारण है कि राय केजरीवाल टीम के अंदर जीत का उत्साह भरते रहते हैं। गोपाल राय बीते दो दशक से राजनीति में सक्रिय हैं। वे इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में अति वामपंथी ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (AISA) का हिस्सा थे। इसके बाद उन्होंने कई आंदोलनों, जैसे बाबरी मस्जिद ढहाने के विरोध में और नर्मदा बचाओ आंदोलन में हिस्सा लिया। छात्र राजनीति के कारण ही उनके अंदर संगठनात्मक मामलों में महारत हासिल हुई। उन्हें 'आप' का मुख्य आर्किटेक्ट भी कहा जाता है। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार
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