Tuesday, February 17, 2015

क्या आप हैं डिप्रेशन के शिकार? ऐसे चेक करें

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बिजी लाइफ और दुनियाभर की टेंशन के चलते काफी लोग डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। हालही में एक रिपोर्ट आयी जिस में इस बात को साबित किया गया है कि ज्यादा देर तक टीवी देखना का मतलब है कि आपको डिप्रेशन हैं। आज हम आपको डिप्रेशन के बारे में बता रहे है साथ ही, कुछ टिप्स दे रहे है जिन्हें आप पता लगा सकती है कि आपको डिप्रेशन है या नहीं: 
टीवी देखने से डिप्रेशन होना: एक के बाद एक टीवी शो देखना या फिल्में देखना, इसकी एक वजह डिप्रेशन भी हो सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास की तरफ से किए गए सर्वे से यह बात सामने आई है कि लगातार टीवी देखने की वजह व्यक्ति का
डिप्रेस होना भी हो सकता है। इस तरह के लोग टीवी पर एक के बाद बाद चैनल बदलते रहते हैं और कुछ न कुछ अपने लिए टीवी पर देखने के लिए ढूंढते रहते हैं। बहुत से काम पेंडिंग होने के बावजूद कई लोग टीवी देखकर अपना टाइम पास करना चाहते हैं। रिसर्चर यून-ही-संग ने बताया कि पहले ज्यादा टीवी देखने से मोटापा और कई हेल्थ प्रॉब्लम्स होती थीं, लेकिन अब इसका संबंध डिप्रेशन से भी है। इस तरह के लोग टीवी देखने से खुद को रोक नहीं पाते। स्टडी में 316 यंगस्टर्स से बातचीत की तो पता चला कि जो ज्यादा डिप्रेस था, उसने ज्यादा देर तक टीवी पर कार्यक्रम देखे। 
पिछले दो सप्ताह के अनुभव के आधार पर इन सवालों के जवाब 'नहीं', 'हां' और 'शायद' के रूप में दीजिए: 
  1. बिना किसी कारण के रोने का मन करता है या चिड़चिड़ा महसूस करते हैं?
  2. मूड खराब होने के कारण ऑफिस या काम पर जाने का मन नहीं करता?
  3. फिल्म, म्यूज़िक, फ्रेंड्स या हॉबी के प्रति रुझान कम होना?
  4. पूरा दिन बेचैनी महसूस करना और रात को नींद न आना?
  5. लाइफस्टाइल में कोई बदलाव नहीं आना, लेकिन वज़न बढ़ने लगना?
  6. ऑफिस या घर में पहले की तुलना में ज़्यादा असुरक्षित महसूस करना?
  7. लगने लगे कि ज़िंदगी में विफल हो चुके हैं या किसी की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर रहे हैं?
  8. पहले सारा काम समय पर पूरा हो जाता था, लेकिन पिछले 1 महीने में आप 3-4 वर्क डेडलाइन मिस कर चुके हैं?
  9. दोस्तों से मिलना, ब्याह-शादी पर इसलिए न जाना, क्योंकि आपका किसी से मिलने का मन नहीं हो रहा है।
  10. आशाहीन हो चुके हैं और कई बार सुसाइड करने का मन करता है?
डिप्रेशन कैलकुलेशन स्केल: 
  • 7 या इससे ज़्यादा प्रश्नों का जवाब हां है तो आपके क्लिनिकली डिप्रेस्ड होने की आशंका हो सकती है। समय बर्बाद किए बिना प्रोफेशनल डॉक्टर को दिखाएं। जैसे-जैसे समय बीतेगा, समस्या गंभीर होती जाएगी।
  • 7 से कम प्रश्नों का जवाब हां है, तो आप क्लिनिकली डिप्रेस्ड नहीं हैं। किसी प्रोफेशनल डॉक्टर की ज़रूरत नहीं है। महीने में एक बार इस टेस्ट को दोहराएं। इससे मानसिक स्थिति का पता चेलगा।
डिप्रेशन क्या है: जीवन में कभी-कभार लो फील करना एक सामान्य बात है, लेकिन जब ये एहसास बहुत समय तक बना रहे और आपका साथ ना छोड़े तो ये डिप्रेशन या अवसाद हो सकता है। ऐसे में जीवन बड़ा नीरस और खाली-खाली सा लगने लगता है। न दोस्त अच्छे लगते हैं और न ही किसी और काम में मन लगता है। लाइफ में पॉज़िटिव बातें भी नेगेटिव लगने लगती हैं। यदि आपके साथ भी ऐसा होता है, तो घबराने की ज़रूरत नहीं है। ज़रूरत है डिप्रेशन के लक्षणों और कारणों को समझने की और फिर उसका इलाज करने की। 
डिप्रेशन के लक्षण: 
  • या तो आपको नींद नहीं आती या बहुत अधिक नींद आती है।
  • आप ध्यान नहीं केंद्रित कर पाते और जो काम आप पहले आसानी से कर लेते थे, उन्हें करने में कठिनाई होती है।
  • आपको लगता है कि आप अकेले हैं और आपकी मदद करने के लिए कोई नहीं है।
  • आप चाहे जितनी कोशिश करें, पर अपनी नेगेटिव सोच पर काबू नहीं रख पाते।
  • या तो आपको भूख नहीं लगती या आप बहुत ज्यादा खाते हैं।
  • आप पहले से कहीं जल्दी परेशान हो जाते हैं और गुस्सा करने लगते हैं।
  • आप ज़्यादा शराब पीते हैं।
  • आपको लगता है कि ज़िंदगी जीने लायक नहीं है और आपके मन में आत्महत्या करने के विचार आते हैं। ( ऐसा है तो तुरंत इलाज कराएं)
डिप्रेशन के कारण: कुछ बीमारियों के कारण जानने के बाद इलाज आसान हो जाता है। जैसे डायबिटीज़ है, तो इन्सुलिन लें, पथरी है तो सर्जरी करवाएं, लेकिन डिप्रेशन थोड़ी जटिल बीमारी है। डिप्रेशन सिर्फ मस्तिष्क में हो रहे केमिकल इम्बैलेंस की वजह से ही नहीं, बल्कि कोई अन्य जैविक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारणों से भी हो सकता है। दूसरे शब्दों में कहें तो ये आपकी लाइफस्टाइल, आपके रिश्ते, आप समस्याओं को कैसे हैंडल करते हैं, इन बातों की वजह से भी हो सकता है। पर निम्नलिखित की वजह से डिप्रेशन होने के चांसेस बढ़ जाते हैं।
  • अकेलापन
  • दोस्तों और परिवार के सपोर्ट की कमी
  • हाल में हुए तनावपूर्ण अनुभव
  • वैवाहिक या अन्य रिश्तों में खटास
  • खराब बचपन
  • शराब या अन्य नशीली दवाओं का सेवन
  • बेरोज़गारी
  • काम का प्रेशर

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साभार: भास्कर समाचार
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