योग्य शिक्षकों की कमी के चलते प्रदेश के करीब 450 बीएड कॉलेज बंद हो सकते हैं। एनसीटीई (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) ने इन कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अभ्यर्थी को एमए, एमएड के साथ नेट या पीएचडी होना अनिवार्य कर दिया है। जबकि पोस्ट ग्रेजुएट एमएड की योग्यता रखने वाले कॉलेजों में पढ़ा रहे थे। एनसीटीई की सख्ती से प्रदेश में 6000 नेट-पीएचडी शिक्षकों की जरूरत है, लेकिन इनमें से एमए एजुकेशन में बमुश्किल 10 फीसदी, यानि 600 शिक्षक उपलब्ध हैं, जो ज्यादा से ज्यादा 50 कॉलेजों में सेवाएं दे सकते हैं। प्रत्येक 100 सीटों वाले कॉलेज में 16 शिक्षक होने जरूरी हैं। एनसीटीई रियायत नहीं देती है तो प्रदेश के कुल 524 कॉलेजों में से 450 कॉलेजों पर तलवार लटक जाएगी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। हालांकि एनसीटीई ने 2014 में भी यह रेगुलेशन जारी किया था, लेकिन तब कॉलेजों की मांग शपथ-पत्र देने पर फैकल्टी की व्यवस्था करने के लिए अतिरिक्त समय दे दिया था, लेकिन 28 मार्च को हुई एनसीटीई मीटिंग में नए सत्र से फैकल्टी की शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य कर दी। अब कॉलेजों में एडमिशन प्रक्रिया शुरू होने लगी तो कॉलेजों में इसका विरोध शुरू हुआ।
एनसीटीई से मिले छूट: हरियाणा प्राइवेट सेल्फ-फाइनेंस कॉलेज एसोसिएशन अध्यक्ष सतीश खोला ने कहा कि फैकल्टी की शैक्षणिक योग्यता को लेकर एनसीटीई से छूट देने की मांग की है। नियमों के विरोध में 110 सदस्य लिखित रूप से ज्ञापन सौंपा है। मांग मानी गई, तो बड़ा फैसला लिया जाएगा। इधर, एनसीटीई चेयरमैन संतोष मैथ्यू ने कहा कि यह नियम पहले से है, लेकिन कॉलेजों को छूट दी गई थी। अब इसे लागू कराया जा रहा है, ताकि शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाई जा सके। इसका छात्रों को ही फायदा होगा।
- प्रदेश में 524 बीएड कॉलेज
- 6000 से ज्यादा योग्य फैकल्टी की रूरत
- महज 600 के लगभग हैं योग्य शिक्षक
- ज्यादा से ज्यादा 50 कॉलेजों की जरूरत होगी पूरी
प्राचार्य के पास कम से कम 8 साल का हो अनुभव: कॉलेजों में फैकल्टी में प्राचार्य को एमएड नेट-पीएचडी के साथ पास कम से कम 8 साल का अनुभव होना चाहिए। इसके अलावा साइंस, मैथ्स, सोशल साइंस, फाइन आर्ट, संगीत नृत्य आदि के योग्य शिक्षक जरूरी हैं। फिजिकल, आर्ट एंड क्राफ्ट साइकोलॉजी आदि में गिने-चुने ही योग्य शिक्षक हैं। जबकि पहले प्रिंसिपल के अलावा बाकी फैकल्टी एमए-एमएड ही मान्य थी।
दाखिला प्रक्रिया जारी, विद्यार्थियों के लिए मुश्किल: बीएडकॉलेजों में नए सत्र के दाखिलों के लिए 30 अगस्त तक आवेदन किए जा सकते हैं। इसके बाद काउंसिलिंग-मेरिट लिस्ट के साथ दाखिले होंगे। ऐसे में विद्यार्थियों के लिए मुश्किल यह है कि वो अप्लाई करें या नहीं। अगर योग्य फैकल्टी नहीं मिलने पर कॉलेज बंद होने से उनका पूरा साल खराब हो जाएगा।
फर्जीवाड़ा बढ़ने की आशंका: योग्यशिक्षकों की कमी, लेकिन कॉलेजों को बंद हाेने से बचाने के लिए फर्जीवाड़ा बढ़ने की आशंका है। कारण दस फीसदी योग्य शिक्षक उपलब्ध हैं, तो एक से ज्यादा कॉलेजों में उनकी शैक्षणिक योग्यता का प्रयोग करने की संभावना है।
सोनीपत-महेंद्रगढ़ में हैं 65-65 कॉलेज: प्रदेश में सोनीपत महेंद्रगढ़ में सबसे ज्यादा बीएड कॉलेज हैं। इनमें डिप्लोमा, बीएड एमएड की दो से चार यूनिट यानी (100 से 200 सीटें) तक चलाई जा रही हैं। सोनीपत-महेंद्रगढ़ में 65-65, रेवाड़ी में 20 समेत अन्य जिलों में 15 से 50 तक कॉलेज हैं।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE. Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.