शिक्षा नियमावली के नियम 134ए के तहत सीटों की ऑनलाइन जानकारी देने वाले स्कूलों पर अब शिक्षा विभाग कार्रवाई करेगा। इस तरह के स्कूलों की मान्यता तक रद्द की जा सकती है। शिक्षा विभाग ने 20 मार्च
तक सभी निजी स्कूलों से नियम 134ए के तहत खाली सीटों की जानकारी मांगी थी, लेकिन इसके बावजूद प्रदेश के 4800 निजी स्कूलों में से केवल 2071 निजी स्कूलों ने ही सीटों का ब्यौरा विभाग को दिया। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। जिन स्कूलों ने सीटों की जो जानकारी दी, विभाग ने उसे अंतिम तिथि के दो दिन बाद ही सार्वजनिक कर दिया। इसके बाद भी कई बार स्कूलों से जानकारी मांगी गई और समय दिया गया। लेकिन इसके बावजूद सीटों की जानकारी स्कूलों ने नहीं जमा करवाई। अब निदेशालय ने उन सभी स्कूलों की सूची को सार्वजनिक कर दिया है, जिन्होंने जानकारी नहीं दी। इसके साथ ही डायरेक्टर सेकेंडरी एजुकेशन एसएस फुलिया ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिन निजी स्कूलों ने जानकारी नहीं दी है, उनको एक सप्ताह का कारण बताओ नोटिस जारी करें। इस नोटिस का उनसे लिखित में जवाब मांगे और इस दौरान भी स्कूल रुचि नहीं दिखाता तो इस तरह के स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। विभाग ने जारी पत्र में ये तक कहा है कि सीटों की जानकारी देकर स्कूलों ने विभाग के आदेश नहीं माने हैं, इसलिए उनकी एनओसी और मान्यता भी रद्द की जा सकती है।
कई बड़े नेताओं के स्कूल भी हैं शामिल : शिक्षाविभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों को जो सूची भेजी है, उसमें प्रदेश में सरकार चला रही भाजपा नेताओं से लेकर अन्य पार्टियों के भी कई बड़े नेताओं के स्कूलों के नाम शामिल हैं। इन स्कूलों ने भी नियम 134ए के तहत सीटों की जानकारी नहीं दी थी। इसलिए अब इन स्कूलों को भी नोटिस भेज जवाब मांगे जाएंगे।
16 को होना है टेस्ट: 2लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवारों के बच्चों के लिए सभी निजी स्कूलों में 10 फीसदी सीटें आरक्षित रखने का प्रावधान है। दाखिले के लिए 10 अप्रैल तक आवेदन किया जा सकता था। अब दाखिले की पात्रता के लिए 16 अप्रैल को टेस्ट होना है।
शिक्षा विभाग की तरफ से जिला शिक्षा अधिकारियों को जो पत्र जारी किया गया है, उसमें बताया है कि काफी स्कूलों ने एमआईएस पर सीटों की जानकारी ही नहीं दी। जिन्होंने दी उनमें से भी काफी की जानकारी सही नहीं थी। इसलिए विभाग ने प्रदेश के करीब 3 हजार स्कूलों की सूची जारी की है। जिसमें 2,779 वो स्कूल हैं जिन्होंने सीटों की जानकारी ही नहीं दी। वहीं अन्य वो स्कूल हैं, जिनमें से 9 स्कूलों ने जो जानकारी दी है, उसमें स्कूल में किसी भी कक्षा में एक भी सीट नहीं दिखा रखी। पिछली बार भी कुछ स्कूलों ने यही किया था और उनकी जांच कर मान्यता रद्द करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन हुआ कुछ नहीं था। इतना ही नहीं प्रदेश के कुल 46 स्कूलों ने केवल एक ही कक्षा की रिपोर्ट दी है। किसी ने पहली तो किसी ने चौथी में और किसी ने सातवीं कक्षा में सीट दिखाई हैं। 35 स्कूलों ने केवल 2 कक्षाओं में सीटें दिखाई हैं। इसलिए इन स्कूलों को भी नोटिस भेज जवाब मांगा जाएगा।
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साभार: भास्कर समाचार
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