Sunday, April 9, 2017

10 माह से चकमा दे रहा 50 हजार का इनामी बदमाश सुरेंद्र ग्योंग एनकाउंटर में ढेर

50 हजार के इनामी मोस्टवांटेड सुरेंद्र ग्योंग काे करनाल-कैथल पुलिस ने शनिवार को एनकाउंटर में मार गिराया। उसके खिलाफ चार राज्यों में हत्या, डकैती, लूट, अपहरण और फिरौती जैसे करीब 37 मामले दर्ज हैं। वह मकान की मरम्मत कराने की दलील देकर 23 मई 2016 को झज्जर जेल से 20 जून
तक पैरोल पर आया था। 29 मई को जब पैरोल रद्द कर दी गई तो वह फरार हो चुका था। भगोड़ा घोषित किए जा चुके ग्योंग पर पुलिस ने 50 हजार रुपए का इनाम रखा था। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। करनाल के एसपी जश्नदीप सिंह रंधावा ने बताया कि दोपहर 12 बजे सूचना मिली कि गाड़ी में सवार सुरेंद्र ग्योंग साथियों के साथ कैथल से करनाल की सीमा में प्रवेश करने वाला है। तुरंत सीआईए-1 टीम को असंध कस्बे से लगती जिले की सीमा में भेजा गया।  पुलिस ने नाकेबंदी कर दी। इस बीच एक होंडा सिटी कार को पुलिस ने रुकने का इशारा किया। इस पर बदमाशों ने फायर शुरू कर दिया और भागने लगे। सीआईए टीम की जवाबी फायरिंग में सुरेंद्र घायल हो गया। वह कार लेकर करनाल के गांव राहड़ा में घुसा लेकिन बाद में घिर गया और मारा गया। जींद, करनाल, कैथल कुरुक्षेत्र के एसपी मौके पर पहुंचे। फोरेंसिक टीम ने भी मौके से सबूत जुटाए। सुरेंद्र पर चार राज्यों में कुल 37 केस दर्ज हैं। लेकिन कैथल में सबसे ज्यादा 26। इसी तरह कुरुक्षेत्र में 4, जींद में 2, करनाल, हिसार, दिल्ली, पंजाब और यूपी में एक-एक मामले दर्ज हैं। 22 मामलों में बरी किया जा चुका था। 
पहले सिम के लिए आईडी जरूरी थी। अपराधी सिम बदल-बदल कर फोन करते थे। ग्योंग गैंग के द्वारा 2006 में प्लाइवुड व्यापारी नरेंद्र अरोड़ा की हत्या के बाद कैथल के तत्कालीन एसपी नवदीप सिंह विर्क ने कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज किए। इसके बाद सभी कंपनियों ने सिम के लिए आईडी लेनी लगीं। बाद में सिम के लिए पहचान पत्र की यह व्यवस्था देशभर में लागू कर दी गई। 
रोहताश शर्मा. कैथल | जिलेके गांव ग्योंग का सुरेंद्र कैथल पढ़ने जाता था। 1994 में एक दिन बस रोकने को लेकर चालक-परिचालक से झगड़ा हो गया। मारपीट में पहली बार केस हुआ। यहीं से वह अपराध के दलदल में उतरता चला गया। 1999 में गांव कौल के बैंक में एक व्यक्ति से एक लाख रुपए छीनने पर डकैती का केस दर्ज हुआ। इसके बाद पत्रकार परमानंद गोयल की हत्या कर दी। तब वह कृष्ण पहलवान के लिए काम करता था। एक दिन पैसों को लेकर अनबन हो गई तो पहलवान की भी हत्या कर दी। गैंग चलाने के लिए आढ़तियों, डाॅक्टरों और व्यापारियों से फिरौती मांगने लगा। इसी गैंग ने 2006 में प्लाइवुड व्यापारी नरेंद्र अरोड़ा की हत्या कर दी। सुरेंद्र खुद दक्षिण अफ्रीका भाग गया, लेकिन 2008 में प्रत्यर्पण कर लाया गया। 2014 में इस मामले में उसे उम्रकैद भी हो चुकी है। सुरेंद्र के कारनामे परिवार पर भी भारी पड़े हैं। कुल 12 एकड़ जमीन में से करीब 9 एकड़ बिक गई। 3 एकड़ कुर्क हो गई। उसके बड़े भाई जोगेन्द्र पर भी हत्या, धोखाधड़ी जैसे केस दर्ज है। वह लुधियाना जेल में बंद है। 2005 मे सुरेंद्र ने अम्बाला जेल में रहते हुए सरपंची का चुनाव भी जीत गया था। यहीं नहीं, सुरेंद्र ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैथल से विधायक रणदीप सुरजेवाला को भी जान से मारने की धमकी दे दी थी। हाईकोर्ट के निर्देश पर सुरजेवाला को जनवरी 2017 में वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली। बताया जाता है कि ग्योंग के रामकला का नाम अच्छाई में पूरे क्षेत्र में प्रसिद्ध रहा है। आवभगत करने में उनका कोई सानी था। जाट शिक्षण संस्थान खोलने में उनका विशेष योगदान रहा। उनके नाम से गांव ग्योंग को लोग जानते थे। लेकिन सुरेंद्र की दहशत का पर्याय बन गया था। 
मुठभेड़ के समय सुरेंद्र ने खाकी पगड़ी डाल रखी थी। दाढ़ी बढ़ाई हुई थी। पुलिस से बचने के लिए उसने सरदार का हुलिया बना रखा था। 
दरअसल, राहड़ा गांव में गली की पुलिया पर कंस्ट्रक्शन चल रहा था। इसलिए कार आगे नहीं जा सकी तो सुरेंद्र ने गाड़ी छोड़ दी और पुलिस पर फायर करते हुए भागने लगा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार दोपहर करीब 2:15 बजे सिर पर खाकी पगड़ी पहने दाढ़ी वाला एक व्यक्ति सामने से दौड़ते हुए निकला। 8-10 कदम जाने के बाद वह वापस आया। वह दोनों हाथ से फायरिंग करते हुए दूसरी ओर भागने लगा तो नाले में पैर फंसने से गिर पड़ा। वह तब भी फायरिंग कर रहा था। जवाब में अलग-अलग कोने से 5 लोग गोली चला रहे थे। करीब 14 मीटर दूर खंभे के पास खड़े व्यक्ति ने युवक को एक के बाद एक दो गोली मारी। गोली लगने से सिर के एक हिस्से का मांस और बाल छह फीट दूर दीवार पर जा गिरे। इसके बाद वह गर्दन नहीं उठा सका। यह सब डेढ़ से 2 मिनट में हो गया। लोगों को बाद में पता चला कि पुलिसकर्मी सादी वर्दी में ग्योंग का एनकाउंटर कर रहे थे। सुरेंद्र के पास से दिल्ली पुलिस की बैच लगी वर्दी, हरियाणा पुलिस का आईकार्ड, लाल रंग के जूते खाकी पगड़ी और बेल्ट बरामद हुई। आईकार्ड पर सुरेंद्र श्योराण लिखा था। सुरेंद्र िजस होंडा सिटी गाड़ी में था, उस पर राजस्थान का टेंपरेरी नंबर था। यह तिजारा अलवर राजस्थान से खरीदी गई है। सुरेंद्र की जेब से 9 एमएम के 38 राउंड बरामद हुए। दो पिस्तौल मिली हैं, जिनमें एक में 12 दूसरी में 5 राउंड थे। करनाल पुलिस ने सुरेंद्र पर दो एसएलआर और 9 एमएम के दर्जन भर फायर किए। जबकि सुरेंद्र ने पुलिस पर 7-8 फायर किए। पुलिस ने सुरेंद्र के फायर किए खोल बरामद किए हैं।
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साभार: भास्कर समाचार 
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