हरियाणा के लाखों गरीब परिवारों के बच्चों को प्रभावित करने वाली दो महत्वपूर्ण खबरें हैं। पहली तो यह है कि अब बीपीएल परिवार के छात्रों को उत्तर पुस्तिकाओं के पुनमरूल्यांकन करवाने के लिए बोर्ड फीस में 200 रुपये
की बचत होगी। दूसरी खबर यह है कि अनुसूचित व बैकवर्ड श्रेणी के विद्यार्थियों को परीक्षा फीस में बोर्ड छूट दे रहा है, लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से इस छूट की भरपाई के रूप में करीब 100 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया जा रहा है। ऐसे में हर साल करीब 22 करोड़ रुपये का घाटा कहीं गरीबों के कल्याण में कहीं बाधा बन जाए। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण बैठक में फैसला लिया है कि बीपीएल परिवारों के छात्रों की पुनमरूल्यांकन की फीस घटाई जाए। इसके बाद पुनमरूल्यांकन फीस 1000 से घटाकर 800 रुपये कर दी गई। वहीं हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले एससी व बीसी वर्ग के छात्रों की परीक्षा फीस माफ की हुई है। इस फीस का भुगतान केंद्र सरकार की ओर से राज्य के शिक्षा विभाग को किया जाता है। मगर सन 2011-12 से शिक्षा विभाग ने बोर्ड को इस राशि का भुगतान नहीं किया है। हर वर्ष यह राशि करीब 20 से 22 करोड़ रुपये बनती है। ऐसे में बोर्ड का शिक्षा विभाग की ओर अब तक 82 करोड़ रुपये बकाया हैं। वर्तमान शिक्षा सत्र को जोड़ लें तो यह आंकड़ा 100 करोड़ को भी पार कर जाएगा। शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन जगबीर सिंह ने कहा कि बीपीएल परिवारों के छात्रों की पुनमरूल्यांकन फीस एक हजार रुपये से घटाकर आठ सौ रुपये कर दी गई है। उन्होंने माना कि शिक्षा विभाग की ओर एससी बीसी वर्ग के छात्रों की करोड़ों रुपये की फीस बकाया है। इसको लेकर विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखा जा चुका है।
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साभार: जागरण समाचार
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