पति की मौत के बाद उसकी विधवा को उसका हक मिलना सुनिश्चत करने के लिए सरकार पति के मृत्यु प्रमाणपत्र में उसकी पत्नी के नाम को दर्ज करने की अनिवार्यता करने की तैयारी कर रही है। महिला एवं बाल विकास मंत्रलय इस दिशा में रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया और राज्यों के साथ मिलकर काम कर रहा है। यह
पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं।मंत्रलय का ध्यान मामले पर गत वर्ष तब गया जब कुछ ऐसे मामले आए जिनमें विधवाएं अपना कानूनी हक पाने के लिए विभागों के चक्कर काट रहीं थी। स्वयं को पत्नी साबित करने के लिए उनके पास कोई कानूनी दस्तावेजी सबूत नहीं थे। महिलाओं का सशक्तीकरण सिर्फ उनकी शिक्षा और सुरक्षा पर ही आकर नहीं खत्म हो जाता। उन्हें वास्तव में सबल और अधिकार संपन्न बनाने के लिए उनकी सामाजिक सुरक्षा और कानून में उन्हें मिले अधिकार उन तक पहुंचना भी बहुत जरूरी है। देश के सामाजिक और पारिवारिक परिवेश को देखते हुए विधवाओं की दशा नजर अंदाज नहीं की जा सकती। विधवाओं को उनका कानूनी हक मिले यह सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है। महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया से आग्रह किया कि पति के मृत्यु प्रमाण पत्र पर विधवा के नाम का जिक्र अनिवार्य किया जाए।
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साभार: जागरण समाचार
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