Friday, January 15, 2016

अजहर मसूद की गिरफ़्तारी पर अभी भी असमंजस

कहीं जैश-ए-मोहम्मद के सरगना अजहर मसूद का तालिबानी संपर्क प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के वायदे पर भारी तो नहीं पड़ रहा है? पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड मसूद को हिरासत में लेने को लेकर असमंजस की स्थिति पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियां यही निष्कर्ष निकल रही हैं। एजेंसियों की मानें तो मसूद पर हाथ डालने
का सीधा अर्थ है अफगान तालिबान से पंगा लेना, जो पाकिस्तान के लिए आसान नहीं होगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। पाक की अफगानिस्तान नीति में तालिबान की केंद्रीय भूमिका है। 
गुरुवार को भी जैश के दफ्तरों पर छापे पड़े और 25 लोगों को हिरासत में लिया गया है। बुधवार को भी जब पाकिस्तानी मीडिया ने जैश-ए-मोहम्मद के तीन दफ्तरों को सील करने और अजहर मसूद समेत कई आतंकियों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की खबर दी, तो लगा कि नवाज शरीफ भारत-पाक रिश्ते में नया इतिहास रचने जा रहे हैं। इसके लिए आइएसआइ और पाक सेना का समर्थन भी हासिल कर लिया है। लेकिन अगले ही दिन इन उम्मीदों पर पानी फिर गया। पाक विदेश मंत्रलय ने आधिकारिक तौर पर मसूद को हिरासत में लिए जाने की पुष्टि करने से इन्कार कर दिया। भारतीय विदेश मंत्रलय ने भी कह दिया कि उसे आधिकारिक रूप से ऐसी जानकारी नहीं है। 
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साभारजागरण समाचार 
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