इंदौर की बेटी का दिल मुंबई की लड़की में धड़कने लगा। रविवार सुबह 20 साल की सोनिया का दिल उसके सीने से अलग किया गया। बाद में उसे मुंबई की 17 साल की लड़की में लगा दिया गया। इससे पहले चोइथराम अस्पताल से दो बार लिवर दिल्ली पहुंचाए गए थे, लेकिन धड़कता हुआ दिल भेजने का यह पहला मामला था। सुबह 7.40 बजे हार्ट लेकर मुंबई की टीम एयरपोर्ट के लिए रवाना हुई, जबकि इसी समय पर दिल्ली की टीम
लिवर लेकर निकली। मुंबई में 10 बजकर 50 मिनट पर फोर्टिज अस्पताल में 17 साल की लड़की को हार्ट ट्रांसप्लांट हुआ, जबकि दिल्ली में 50 साल की महिला को दोपहर करीब 12 बजे लिवर लगाया गया। ग्रीन कॉरिडोर के चलते आठ मिनट में दिल चोइथराम अस्पताल से एयरपोर्ट पर पहुंच गया था। इंदौर में तीसरी बार ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। वहीं अंग ट्रांसप्लांट के लिए पहली बार एक ही दिन तीन शहरों इंदौर, दिल्ली और मुंबई में ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया ताकि लिवर और हार्ट को सही समय पर अस्पतालों में पहुंचाया जा सके। कार्डियक सर्जन डॉ. सुनील दुबे ने बताया कि हार्ट ट्रांसप्लांट डॉक्टरों के लिए बड़ी चुनौती है। जहां लिवर छह से आठ घंटे के अंदर ट्रांसप्लांट हो सकता है, वहीं हार्ट के लिए सिर्फ चार घंटे का समय होता है।
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साभार: जागरण समाचार
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