प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों को गोद देने की तैयारी में है। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि इसके लिए योजना बनाई जा रही है। सरकार का दावा है कि निजी स्कूल केवल सरकारी स्कूलों का पैसे संसाधनों से सहयोग करेंगे, बल्कि नैतिक मूल्यों की शिक्षा देने में मदद करेंगे। इधर, इस निर्णय पर पूर्व
शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने कहा कि सरकार जिम्मेदारी से भाग रही है। सरकारी स्कूलों को संघ के हाथों में देकर संघ की शिक्षा दी जाएगी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। कुछ एनजीओ निजी स्कूल संचालक लंबे समय से कोशिश करते रहे हैं कि सरकारी स्कूलों को उन्हें दिया जाए। इसके पीछे वजह यह है कि सरकारी स्कूलों के पास अच्छी खासी जमीन है, यदि निजी स्कूल इन्हें गोद लेते हैं तो संचालकों को अपने स्कूल का दायरा बढ़ाने में मदद मिलेगी। पूर्व शिक्षा मंत्री ने बताया कि कांग्रेस कार्यकाल में भी यह प्रस्ताव आते रहे, लेकिन इसका सख्ती से विरोध किया था। इधर, दो जमा चार मुद्दे जन आंदोलन के संयोजक सतबीर हुड्डा ने कहा कि प्राइवेट की तरह अब सरकारी स्कूल भी गरीब बच्चों की पहुंच से बाहर हो जाएंगे।
सरकार के तर्क: सरकारी स्कूलों का शिक्षा स्तर गिर रहा है। अच्छे प्रशिक्षित टीचर उपलब्ध होंगे। सरकारी स्कूल निजी स्कूलों की बराबरी नहीं कर पा रहे। स्कूलाें में ढांचागत सुविधाओं का अभाव।
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साभार: भास्कर समाचार
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