तमाम तरह के बड़े वित्तीय लेनदेनों में एक जनवरी से पैन (परमानेंट एकाउंट नंबर) कार्ड अनिवार्य हो गया है। इनमें होटल, क्रेडिट कार्ड, ज्वैलरी व मकान खरीदने के साथ 20 तरह के लेनदेनों को शामिल हैं। चुने गए लेनदेनों में निश्चित सीमा से ज्यादा राशि का नकद भुगतान करने पर पैन कार्ड अनिवार्य होगा। नए नियम के अनुसार नकद लेनदेन में पैन कार्ड की गलत जानकारी देने पर दोषी व्यक्ति को सात साल तक जेल की सजा हो सकती है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। नए साल से पैन कार्ड अनिवार्य करने के लिए सरकार ने दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा है कि अगर किसी व्यक्ति के पास पैन कार्ड नहीं है लेकिन वह नकद लेनदेन करता है तो उसे इसकी अनिवार्य रूप से घोषणा करनी होगी। यह घोषणा फॉर्म नंबर 60 भरकर करनी होगी। एक पेज के इस फॉर्म में व्यक्तिगत जानकारी के साथ वैध पहचान पत्र और निवास प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि देनी होगी। इन दस्तावेजों में आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र समेत कई दस्तावेज शामिल होंगे। इस फॉर्म में लेनदेन के बारे में भी विवरण देना होगा। एक वरिष्ठ आयकर अधिकारी ने बताया कि ऐसे लोग भी है जिनके पास पैन कार्ड नहीं हैं। जबकि बड़े लेनदेन के लिए पैन कार्ड अनिवार्य होगा। ऐसे में इन लोगों को फॉर्म 60 भरना होगा। इस फॉर्म में गलत सूचना देने की स्थिति में दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। आयकर अधिनियम के तहत अधिकतम सात साल की सश्रम कैद और जुर्माना हो सकता है।
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साभार: जागरण समाचार
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