घर में अकेले रह रहे बुजुर्ग, बढ़ती उम्र के साथ बढ़ती जा रही बीमारियां, उन्हें संभालने के लिए आपके पास पैसा तो है, लेकिन समय नहीं है। आपाधापी भरे इस युग में यह हर घर की कहानी बनती जा रही है। यदि आप भी ऐसी स्थिति में से गुजर रहे हैं तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसे बुजुर्गो का ख्याल रखने के लिए
प्रदेश की सरकार जल्द ही प्रशिक्षित नौजवानों की फौज खड़ी करने जा रही है। बुजुर्गो को अस्पताल की बजाय घर पर ही अस्पताल जैसी सुविधाएं देने की तैयारी की जा रही है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। शहरों व बड़े महानगरों में बुजुर्गो के हालात बेहद खराब होते जा रहे हैं। महंगाई भरे इस युग में बढ़ती हुई घर की जरूरतों को पूरा करने के लिए बेटों व बहुओं दोनों को नौकरी करनी पड़ती है। बच्चे पढ़ने के लिए बाहर चले जाते हैं, ऐसे में बढ़ती हुई उम्र में बढ़ रही बीमारियों के साथ घर में अकेला रह पाना बुजुर्गो के लिए मुश्किल होता जा रहा है। समाज में बढ़ रही इस तरह की समस्या को देखते हुए प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग ने अनूठी पहल की है। किसी कारणवश अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ चुके नौजवानों व जरूरतमंद विधवाओं को प्रशिक्षित करने की योजना विभाग ने तैयार की है। ऐसे प्रशिक्षित नौजवानों को सरकार प्रमाणपत्र देगी जिसके बाद ये लोग स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर जरूरतमंद लोगों के लिए घर पर ही अस्पताल की सुविधाएं मुहैया करवाएंगे। विभाग की इस योजना से पढ़ाई छोड़ चुके नौजवानों व जरूररतमंद विधवाओं को काम मिल जाएगा तथा अपराधों पर भी लगाम लगेगी। सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग ऐसे लोगों की पहचान करेगा तथा स्वास्थ्य विभाग इन लोगों को चार माह का कोर्स करवाएगा जिसमें बीपी यूरिन, डाईबिटिज, मैंटल हेल्थ जैसी बीमारियों के लिए चैकअप व दवाइयों की जानकारी व वैक्सिन आदि के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। गंभीर बीमारी की अवस्था में भी वह अस्पताल के चिकित्सक की मदद से देखभाल करेगा।विभाग की योजना के अनुसार स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रशिक्षित करने के बाद अधिक योग्य लोगों को विदेशों में भी भेजने का प्रबंध किया जाएगा।
प्रदेश के सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुनील कुमार गुलाटी का कहना है कि विभाग योजना ऐसे लोगों को प्रशिक्षित करना है जो बुजुर्गो, अशक्तों व गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों की केयर करेंगे। इसके लिए पढ़ाई बीच में ही छोड़ चुके या जिनकी पढ़ाई में रूचि नहीं होती है, ऐसे बच्चों को इसके लिए प्रशिक्षित किया जाएगा तथा उन्हे रोजगार दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि विभाग इस योजना पर पुरी मेहनत करेगा केयर गिवर में भी भारत दुनिया का सिरमौर बनेगा।
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साभार: जागरण समाचार
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