हरियाणा के सरकारी अस्पतालों के प्रति आम धारणा है कि यहां ठीक ढंग से इलाज नहीं होता। स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं हैं तो कई तरह के टेस्ट कराने में मरीजों और उनके तीमारदारों के पसीने छूट जाते हैं। प्रदेश सरकार ने सरकारी अस्पतालों के प्रति लोगों की इस धारणा में बदलाव लाने की मुहिम छेड़ दी है। सरकार ने
अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाने का एक्शन प्लान तैयार किया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। राज्य के 84 अस्पतालों को राष्ट्रीय स्तर की स्वास्थ्य सुविधाओं से लैस करने की तैयारी चालू हो गई। हर जिले में कम से कम चार अस्पताल ऐसे होंगे, जिन्हें आदर्श बनाया जाएगा। सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से एक सिविल अस्पताल, एक उप अस्पताल, एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के नाम राष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं बढ़ाने के लिए मांगे गए हैं। इन अस्पतालों को नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड आफ हास्पिटल (एनएबीएच) के मानकों के अनुरूप अपग्रेड किया जाना है। स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार कर एनएबीएच से इन अस्पतालों को पास कराने के बाद राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड से प्रमाण पत्र हासिल किया जाएगा। एमआरआई से लेकर डायलिसिस मशीनें तक जिले के हर अस्पताल में लगेंगी। 31 मार्च तक सभी अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों को ऑनलाइन कर आपस में जोड़ देने की योजना है।
प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए एक हजार नए चिकित्सकों की भर्ती करने की योजना है। स्पेशलिस्ट डाक्टरों का अलग काडर बनाया जा रहा है, ताकि ऐसे डाक्टरों को दूसरों से अधिक सुविधाएं मिलें और वे सरकारी अस्पतालों में अपनी सेवाएं देने के लिए टिके रहें। अल्ट्रासाउंड चूंकि अब रेडियोलाजिस्ट ही कर सकते हैं, इसलिए रेडियोलाजिस्ट की भर्ती करने को लेकर भी सरकार गंभीर हो गई है। राज्य के सभी अस्पतालों को ऑनलाइन करने का लाभ यह होगा कि एक शहर का नागरिक दूसरे शहर में जाकर अपना उपचार करवा सकेगा। उसकी सभी रिपोर्ट संबंधित चिकित्सक अपने कंप्यूटर पर देख सकेंगे। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज लगातार विभागीय अधिकारियों से रिपोर्ट हासिल कर रहे हैं। अस्पतालों में जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र के रजिस्ट्रेशन से लेकर एमएलआर और पोस्टमार्टम रिपोर्ट तक सब कुछ ऑनलाइन करने की तैयारी है।
हमने अपग्रेडेशन का काम चालू कर दिया: स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि अस्पतालों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने के लिए सरकार गंभीर है। 84 अस्पतालों को राष्ट्रीय मानक के मुताबिक करने की योजना है। इन अस्पतालों में 24 घंटे डाक्टर की उपलब्धता, विशेषज्ञ डाक्टर, मरीज आसानी से भर्ती कर लिए जाने की सुविधा, हर प्रकार के टेस्ट, दवाइयां और अनुभवी स्टाफ रखा जाएगा। जितने भी अस्पताल हैं, उनके अपग्रेडेशन का काम शुरू हो चुका है। इनमें आधुनिक एमआरआइ और डायलिसिस मशीनें लगेंगी। इससे लोगों को उनके आसपास के अस्पतालों में ही सभी प्रकार के रोगों का उपचार प्राप्त करवाने में सहायता मिलेगी। अस्पतालों में चिकित्सकों तथा पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को शीघ्र दूर किया जाएगा।
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साभार: जागरण समाचार
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