सुप्रीमकोर्ट ने छोटी बच्चियों से दुष्कर्म के मामले पर चिंता जताई है। साथ ही इस संबंध में सुझाव दिया है कि संसद छोटी बच्चियों से दुष्कर्म के दोषियों को सजा देने के कानून को कड़ा करने पर विचार करे। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि दुष्कर्म के अपराध में बच्चों को अलग से परिभाषित किया जाना चाहिए। कोर्ट ने विधायिका
के पाले में गेंद डालते हुए बच्चों के दुष्कर्मी को बंध्याकरण की सजा देने की वकीलों की मांग सोमवार को ठुकरा दी। छोटी बच्चियों से दुष्कर्म की घटनाओं पर चिंता जताते हुए ये सुझाव न्यायमूर्ति दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुप्रीम कोर्ट वोमेन लायर्स एसोसिएशन की याचिका का निपटारा करते हुए दिए। पीठ ने कहा कि वे बच्चों के दुष्कर्मी को बंध्याकरण की अतिरिक्त सजा दिए जाने का आदेश नहीं दे सकते। ये काम संसद का है। शुरुआत में मामले पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता महालक्ष्मी पावनी ने कहा कि बच्चों से दुष्कर्म और यौन शोषण की घटनाओं में बड़ी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार में गत माह आई खबर का हवाला देते हुए कहा कि 28 दिन की बच्ची से दुष्कर्म हो रहा है।
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के पाले में गेंद डालते हुए बच्चों के दुष्कर्मी को बंध्याकरण की सजा देने की वकीलों की मांग सोमवार को ठुकरा दी। छोटी बच्चियों से दुष्कर्म की घटनाओं पर चिंता जताते हुए ये सुझाव न्यायमूर्ति दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुप्रीम कोर्ट वोमेन लायर्स एसोसिएशन की याचिका का निपटारा करते हुए दिए। पीठ ने कहा कि वे बच्चों के दुष्कर्मी को बंध्याकरण की अतिरिक्त सजा दिए जाने का आदेश नहीं दे सकते। ये काम संसद का है। शुरुआत में मामले पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता महालक्ष्मी पावनी ने कहा कि बच्चों से दुष्कर्म और यौन शोषण की घटनाओं में बड़ी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार में गत माह आई खबर का हवाला देते हुए कहा कि 28 दिन की बच्ची से दुष्कर्म हो रहा है।
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साभार: जागरण समाचार
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