कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में चहेतों को लाभ
पहुंचाने के लिए होनहार विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के
खेल का पर्दाफाश हुआ है। परीक्षा के दौरान ही होनहार विद्यार्थियों की आंसर
शीट के भीतर के पन्ने फाड़कर चहेतों की आंसरशीट में फिट करने का खुलासा
हाल ही में सामने आया तो केयू परीक्षा नियंत्रक विभाग भी सकते में आ गया।
आनन-फानन में केयू प्रशासन ने मामले में प्रोक्टर के नेतृत्व में जांच
कमेटी का गठन कर दिया है। प्रारंभिक जांच में ही अभी तक ऐसी करीब 40
आंसरशीट सामने आ चुकी हैं, जो बीटेक से संबंधित विषयों की हैं। हालांकि
प्रशासन के अधिकारी इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं। परीक्षा के
दौरान हुई इस घपलेबाजी के तार विभिन्न जिलों के निजी कॉलेजों से जुड़े बताए
जा रहे हैं। हाल ही में परीक्षा नियंत्रक
शाखा में इस पूरे खेल का खुलासा उस समय हुआ जब परीक्षा केंद्रों से आंसर
शीट परीक्षा शाखा में पहुंची। इस दौरान काफी शीट ऐसी सामने आईं, जिनमें
छेड़छाड़ की गई थी। शक होने पर कर्मचारियों ने मामले के बारे में जानकारी
परीक्षा नियंत्रक को दी। मामला संगीन
देखते हुए आनन-फानन में परीक्षा नियंत्रक ने इस पूरे मामले की जानकारी केयू
प्रशासन को दी। मामला सामने आने के बाद इस मामले की जांच के लिए प्रोक्टर
के नेतृत्व में कमेटी का गठन भी कर दिया गया।
ऐसे आया खेल सामने: सूत्रों के अनुसार परीक्षा शाखा से परीक्षा के पूर्व सभी आंसरशीट शील्ड होकर परीक्षा केंद्रों पर पहुंचाई जाती हैं। केयू की ओर से आंसरशीट का एक सेट पेटर्न है, जिसमें उस पर बारीक धागे से सिलाई की जाती है। लेकिन, कुछ छात्रों को रिजल्ट आने पर शक हुआ तो उन्होंने री-चेकिंग के लिए आवेदन किया। बस री-चेकिंग के दौरान इस खेल का खुलासा हो गया और जब छात्रों ने आंसर शीट देखी तो उन्होंने साफ कर दिया कि उनकी हैंडराइटिंग ही नहीं है। खास बात ये थी कि इन आंसर शीट्स में सिलाई के स्थान पर स्टैपलर पिन लगे हुए थे। एक के बाद एक आंसरशीट में इस तरह से स्टेपलर पिन लगे होने से परीक्षा शाखा में हड़कंप मच गया और साफ हो गया कि इन शीटों के साथ छेड़छाड़ ही नहीं की गई, बल्कि बदली हुई हैं।
कुछ ऐसे चल रहा था घोटाला: सूत्रों की मानें तो इस सारे खेल को खेलने के लिए अपने चहेतों अथवा पैसे के लालच में खेला जा रहा था। इस सारे खेल को परीक्षा केंद्र पर ही खेला जा रहा था। इसके तहत किसी भी होनहार छात्र की रोल नंबर और अंतिम पेज को छोड़कर भीतर से पूरी शीट निकाल कर अपने चाहने वालों की आंसर शीट में ही शामिल कर दी जाती थी और उसकी आंसर शीट होनहार की शीट में डाल दी जाती। परीक्षा केंद्र पर सिलाई का संसाधन उपलब्ध नहीं रहता और समय का भी अभाव होता है तो ऐसे में तुरंत शीट्स को स्टेपलर से पिनअप कर दिया जाता है।
खुलासा हुआ तो मचा हड़कंप: छात्रों की इन आंसर शीट्स के खेल का खुलासा होने के बाद यूनिवर्सिटी में हड़कंप मच गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए इस पूरे खेल में जांच कमेटी का गठन भी कर दिया गया। यूनिवर्सिटी के प्रोक्टर के नेतृत्व में चार सदस्यीय कमेटी इस मामले की जांच में जुटी हुई है। हालांकि यह पूरी जांच काफी गोपनीय ढंग से की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि जांच के दौरान कुछ अध्यापकों के साथ-साथ कुछ छात्रों को भी तलब किया गया है। जिन्होंने शीट्स को देखकर साफ बताया कि ये उनकी हैंडराइटिंग ही नहीं है। हालांकि इस पूरे मामले की जांच कर रहे और जांच करवाने वाला कोई भी कुछ बोलने को फिलहाल तैयार नहीं है, लेकिन सबका कहना है कि मामला काफी संवेदनशील है। इस मामले की जड़ों तक पहुंचना अनिवार्य है।
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ऐसे आया खेल सामने: सूत्रों के अनुसार परीक्षा शाखा से परीक्षा के पूर्व सभी आंसरशीट शील्ड होकर परीक्षा केंद्रों पर पहुंचाई जाती हैं। केयू की ओर से आंसरशीट का एक सेट पेटर्न है, जिसमें उस पर बारीक धागे से सिलाई की जाती है। लेकिन, कुछ छात्रों को रिजल्ट आने पर शक हुआ तो उन्होंने री-चेकिंग के लिए आवेदन किया। बस री-चेकिंग के दौरान इस खेल का खुलासा हो गया और जब छात्रों ने आंसर शीट देखी तो उन्होंने साफ कर दिया कि उनकी हैंडराइटिंग ही नहीं है। खास बात ये थी कि इन आंसर शीट्स में सिलाई के स्थान पर स्टैपलर पिन लगे हुए थे। एक के बाद एक आंसरशीट में इस तरह से स्टेपलर पिन लगे होने से परीक्षा शाखा में हड़कंप मच गया और साफ हो गया कि इन शीटों के साथ छेड़छाड़ ही नहीं की गई, बल्कि बदली हुई हैं।
कुछ ऐसे चल रहा था घोटाला: सूत्रों की मानें तो इस सारे खेल को खेलने के लिए अपने चहेतों अथवा पैसे के लालच में खेला जा रहा था। इस सारे खेल को परीक्षा केंद्र पर ही खेला जा रहा था। इसके तहत किसी भी होनहार छात्र की रोल नंबर और अंतिम पेज को छोड़कर भीतर से पूरी शीट निकाल कर अपने चाहने वालों की आंसर शीट में ही शामिल कर दी जाती थी और उसकी आंसर शीट होनहार की शीट में डाल दी जाती। परीक्षा केंद्र पर सिलाई का संसाधन उपलब्ध नहीं रहता और समय का भी अभाव होता है तो ऐसे में तुरंत शीट्स को स्टेपलर से पिनअप कर दिया जाता है।
खुलासा हुआ तो मचा हड़कंप: छात्रों की इन आंसर शीट्स के खेल का खुलासा होने के बाद यूनिवर्सिटी में हड़कंप मच गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए इस पूरे खेल में जांच कमेटी का गठन भी कर दिया गया। यूनिवर्सिटी के प्रोक्टर के नेतृत्व में चार सदस्यीय कमेटी इस मामले की जांच में जुटी हुई है। हालांकि यह पूरी जांच काफी गोपनीय ढंग से की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि जांच के दौरान कुछ अध्यापकों के साथ-साथ कुछ छात्रों को भी तलब किया गया है। जिन्होंने शीट्स को देखकर साफ बताया कि ये उनकी हैंडराइटिंग ही नहीं है। हालांकि इस पूरे मामले की जांच कर रहे और जांच करवाने वाला कोई भी कुछ बोलने को फिलहाल तैयार नहीं है, लेकिन सबका कहना है कि मामला काफी संवेदनशील है। इस मामले की जड़ों तक पहुंचना अनिवार्य है।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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