हरियाणा के सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने के उद्देश्य से राजनेताओं और नौकरशाहों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाना अनिवार्य किए जाने की मांग संबंधी याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। सोमवार को इस मामले में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा हाल ही में राजनेताओं और नौकरशाहों के बच्चों के निजी स्कूलों में पढ़ने और यूपी में सरकारी स्कूलों की बदतर हालत पर व्यवस्था देते हुए निर्देश दिए थे कि राजनेता और नौकरशाहों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाया जाए। याचिका में कहा गया कि सरकारी कर्मचारियों के बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ने पर सरकार की ओर से कर्मचारियों को बच्चों की फीस पर आयकर में राहत दी जाती है जबकि सरकारी स्कूलों में मुफ़्त शिक्षा का प्रावधान है। अदालत से अपील करते हुए याची ने कहा कि इस प्रकार जनता के पैसे को बबार्द न होने दिया जाए और इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के अनुरूप सरकारी कर्मचारियों को निजी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के एवज में कोई राहत न दी जाए और सरकारी कर्मचारियों के बच्चों का सरकारी स्कूल में पढ़ना अनिवार्य किया जाए। याचिकाकर्ता ने मांग की कि बच्चों की फीस रिफंड करने का प्रावधान करने वाली नोटिफिकेशन खारिज की जाए। हाईकोर्ट ने मामले में हरियाणा सरकार को 15 अक्टूबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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