शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर एक अतिथि अध्यापक
ने गुरु-शिष्य की परंपरा को तार-तार कर दिया। आरोपी छात्राओं के साथ कई
दिनों से अश्लील हरकत कर रहा था। गुरुजी की हरकतों से तंग छात्राएं
शुक्रवार को भड़क गईं और हंगामा कर दिया। आरोपी अतिथि अध्यापक होने के कारण
स्कूल प्रबंधन और बीईओ ने कार्रवाई करने से हाथ खड़े किए तो पुलिस को
बुलाया गया। कई घंटे हंगामे के बाद पुलिस ने अंग्रेजी के अतिथि अध्यापक
गुढाण निवासी राजेश तोमर को गिरफ्तार कर लिया। खास बात ये भी रही कि जिस
समय पीएम मोदी देशभर के स्कूली बच्चों को संबोधित कर रहे थे, ठीक उसी समय
स्कूल में छात्राओं ने हंगामा शुरू किया। मामला
कलानौर के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का है। बृहस्पतिवार शाम
को एक छात्रा ने घर जाकर रोते हुए आरोपी शिक्षक की करतूत बताई और स्कूल आने
से मना कर दिया तो हंगामा मच गया। शुक्रवार सुबह स्कूल की करीब 30
छात्राओं ने अध्यापक तोमर की हरकतों से तंग आकर अभिभावकों को बुला हंगामा
कर दिया। 70 के करीब अभिभावक और नगरपालिका प्रधान पार्षदों के साथ स्कूल
पहुंचे और आरोपी की शिकायत प्रिंसिपल सुषमा रानी से की। लेकिन प्रिंसिपल ने
कार्रवाई में असमर्थता जताई। भड़के अभिभावकों ने बीईओ संतोष चौधरी को मौके
पर बुला लिया। लेकिन बीईओ ने सबके सामने कहा कि गेस्ट टीचर के खिलाफ
कार्रवाई का अधिकार हमारे पास नहीं है।
भीड़ को देख अध्यापक ने खुद को किया कमरे में बंद: भीड़
के गुस्से को देख आरोपी ने घबराकर खुद को कमरे में बद कर लिया और पुलिस के
आने का इंतजार करता रहा। स्कूल प्रबंधन की तरफ से संतोषजनक कार्रवाई न
होता देख अभिभावकों ने पुलिस बुला ली। चौकी प्रभारी महाबीर सिंह मौके पर
पहुंचे तो उन्होंने लिखित में शिकायत देने की बात कही। छात्राओं ने अध्यापक
के खिलाफ अश्लील हरकत करने और फेल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करने का
आरोप लगाते हुए थाना प्रभारी के नाम शिकायत दी। थाना प्रभारी मौके पर
पहुंचे और अध्यापक राजेश तोमर को हिरासत में लेकर थाने चले गए।
दो साल साल पहले भी बिना अनुमति के छात्राओं को ले गया था टूर पर: अध्यापक
की करतूत कोई नई बात नही है। करीब दो साल पहले भी बिना प्रिंसिपल की
अनुमति के राजेश छात्राओं को टूर पर ले गया था। लेकिन उसके खिलाफ कोई
कार्रवाई नही की गई। बताया जाता है कि आरोपी सरकार में पहुंच होने की धौंस
दिखाता और उसने एक प्रिंसिपल का तबादला तक करवा दिया था।
नियमों के खिलाफ है आरोपी की नियुक्ति: आरोपी
राजेश की लड़कियों के स्कूल में नियुक्ति भी शिक्षा विभाग के नियमों के
खिलाफ है। नियम के अनुसार 50 वर्ष से कम उम्र का कोई भी पुुरुष अध्यापक
लड़कियों के स्कूल में नियुक्त नही किया जा सकता, लेकिन राजेश की उम्र करीब
40 वर्ष है। उसकी नियुक्ति आज से करीब पांच वर्ष पहले इस स्कूल में हुई
थी। प्रिंसिपल भी हैरान हैं कि राजेश की नियमों के खिलाफ किसने और क्यों नियुक्ति की।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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