Wednesday, September 2, 2015

2000 में लगे जेबीटी के मामले में अगली सुनवाई 3 नवंबर को

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने वर्ष 2000 में चौटाला शासनकाल के दौरान भर्ती हुए 3206 जेबीटी टीचरों के मामले में सुनवाई 3 नवंबर तक टाल दी है। नियुक्ति को खारिज करने के एकल बेंच के फैसले के खिलाफ सरकार व प्रभावित जेबीटी टीचरों ने डिविजन बेंच की शरण ली है। मंगलवार को जेबीटी टीचरों के वकील ने जस्टिस हेमंत गुप्ता पर आधारित डिविजन बेंच को बताया कि इस मामले में शुरू से ही प्रदेश सरकार कहती आ
रही है कि उक्त टीचरों को काम करते हुए पंद्रह साल हो गए हैं। ऐसे में इनको हटाना ठीक नहीं। ऐसा समाधान निकाला जाए कि यह टीचर बेरोजगार न हों। इससे पहले भी प्रदेश सरकार ने कोर्ट द्वारा हटाए गए कई कर्मचारियों को दूसरे स्थानों पर एडजस्ट किया था। इस मामले में भी कुछ ऐसा ही किया जाए। इसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि इस भर्ती में धांधली हुई है। सीबीआई ने अपनी जांच में यह साबित भी कर दिया और मुख्य आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला सहित अन्य को इस मामले में मिली सजा को सुप्रीम कोर्ट ने बहाल रखा है। ऐसे में इन टीचरों को नौकरी पर कैसे रखा जा सकता है। सभी पक्षों के तर्क सुनने के बाद बेंच ने इस मामले पर सुनवाई दो माह के लिए स्थगित कर दी। विदित रहे कि एकल बेंच ने 3206 जेबीटी टीचरों की नियुक्ति रद करते हुए सरकार को नई मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश दिया था। जस्टिस के कन्नन ने अपने तीस पेज के आदेश में सिर्फ 221 जेबीटी टीचरों की भर्ती रद नहीं की थी। 

साभार: जागरण समाचार 
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE . Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.