नोट: इस पोस्ट को सोशल साइट्स पर शेयर/ ईमेल करने के लिए इस पोस्ट के नीचे दिए गए बटन प्रयोग करें।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
दिल्ली के नजदीक हरियाणा के एनसीआर के शहर में
केंद्रीय बागवानी विश्वविद्यालय खुलेगा। गुड़गांव, फरीदाबाद और पलवल शहर
केंद्र सरकार की नजर में हैं। केंद्रीय बागवानी बोर्ड ने हरियाणा बागवानी
विभाग को इन शहरों में जमीन मुहैया कराने को कहा है। गुड़गांव और फरीदाबाद
पहली प्राथमिकता में हैं। वित्त मंत्री अरुण
जेटली ने साल 2014 के बजट में हरियाणा में केंद्रीय बागवानी विश्वविद्यालय
खोलने की घोषणा की थी,
जिसके बाद अब केंद्रीय विश्वविद्यालय की पहल शुरू
हो गई है। हरियाणा बागवानी विभाग ने पत्र लिखकर गुड़गांव, फरीदाबाद और पलवल
जिले के अधिकारियों को प्रमुखता से अपने इलाके में पंचायती या सरकारी जमीन
मुहैया कराने को कहा है। विभाग के आदेश पर गुड़गांव बागवानी विभाग ने पहल
शुरू कर दी है। जिला बागवानी अधिकारी दीन मोहम्मद ने बताया शहर से दूर जमीन
देखी जा रही है। जल्द ही रिपोर्ट तैयार कर विभाग को भेज दी जाएगी।
एनसीआर के शहर हैं पहली पसंद: हाल
ही में बागवानी विभाग ने विश्वविद्यालय की जमीन को लेकर एक बैठक भी की थी।
एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय बागवानी विश्वविद्यालय में प्रमुखता से
रिसर्च की जाएगी। इसमें देश-विदेश के
वैज्ञानिकों की नियुक्ति होनी है। मेट्रो, एयरपोर्ट कनेक्टिविटी और बेहतरीन
बुनियादी ढांचे को देखते हुए जमीन तलाशने के लिए कहा गया है। इसलिए पहले
गुड़गांव और फरीदाबाद को प्राथमिकता दी गई है। इन दोनों शहरों के में जगह न
मिलने पर पलवल में जमीन तलाशी जाएगी।
उत्तर भारत का होगा दूसरा विश्वविद्यालय: केंद्रीय
बागवानी विश्वविद्यालय का तोहफा मिलने पर यह उत्तर भारत का दूसरी बागवानी
विश्वविद्यालय होगा। अभी तक केवल हिमाचल प्रदेश के सोलन में डॉ. यशवंत सिंह
परमार यूनिवर्सिटी ऑफ हार्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री है। हरियाणा के हिसार
में कृषि विश्वविद्यालय है, जहां अलग से एक बागवानी विभाग है।
बढ़ेगा बागवानी का दायरा: केंद्रीय
बागवानी विभाग विश्वविद्यालय के जरिए फूलों, सब्जियों और वानिकी के
क्षेत्र में उच्चतम मुकाम हासिल करना चाहता है। इसके लिए इस विश्वविद्यालय
में छात्रों को बीएससी से लेकर पीएचडी तक केवल बागवानी और उससे संबंधित
संकायों की पढ़ाई कराई जाएगी। बता दें कि हरियाणा में 2004-05 में 247068
वर्ग हेक्टेयर जमीन में बागवानी होती थी, वहीं 2013-14 में बढ़कर 450605
वर्ग हेक्टेयर हो गई है। यानी बीते एक दशक में करीब 82 फीसदी का इजाफा हुआ
है। विश्वविद्यालय खुलने के बाद यह और बढ़ने की संभावना है।
छात्रों को होगा फायदा: हिसार
स्थित हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के प्लांट पैथोलॉजी विभाग के पूर्व
विभागाध्यक्ष डॉ. एमपी श्रीवास्तव बताते हैं कि बागवानी विश्वविद्यालय में
ओलेरीकल्चर (सब्जियों की खेती), फ्लोरीकल्चर (फूलों की खेती) और रियल
हॉर्टिकल्चर (बागवानी की विद्या) की पढ़ाई होती है। मेन स्ट्रीम साइंस के
कई छात्र एमएससी और पीएचडी करने के बावजूद बेरोजगार रहते हैं, लेकिन
एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर के छात्रों को बहुत आसानी से रोजगार मिल जाता
है। फर्टिलाइजर, सीड और कृषि विभाग में नौकरियां आसानी से मिलती हैं।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: अमर उजाला समाचार
For getting Job-alerts and Education
News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE . Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.