Tuesday, February 10, 2015

खांसी, बुखार को न करें नजरअंदाज, हो सकता है स्वाइन फ्लू

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पूरे देश में अभी स्वाइन फ्लू को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। देशभर में फ्लू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसका एक कारण हमसे हो गलतियां भी हैं। हम खुद को थोड़ा जागरूक कर लें तो शायद इससे बच सकते हैं। हम आमतौर पर सर्दी खांसी को बहुत सामान्य बीमारी मानते हैं। लेकिन शायद आपको यह जानकारी हैरान कर सकती है कि सामान्य दिखने वाली सर्दी खांसी भी स्वाइन फ़्लू का कारण बन सकती है।

क्या हैं लक्षण: यदि किसी व्यक्ति को सर्दी-खांसी है और उसके साथ उसे सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है या 101 डिग्री से ज़्यादा का बुखार है तो इसे बिलकुल नज़रंदाज नहीं करना चाहिए। क्योंकि ये लक्षण स्वाइन फ़्लू के हो सकते हैं। उनके मुताबिक़ हर बार सर्दी-खांसी स्वाइन फ़्लू का संकेत नहीं देती, फिर भी सर्दी-खांसी होने पर अतिरिक्त सावधानी रखना बेहद ज़रूरी है। क्योंकि उसके साथ यदि सांस लेने में तकलीफ होने लगे या तेज़ बुखार आ जाए तो तुरंत किसी अस्पताल में जाकर जांच कराना चाहिए, क्योंकि ज़्यादातर मामलों में ऐसी स्थिति स्वाइन फ़्लू का संकेत देती है और इसका का इलाज जितनी जल्दी शुरू किया जाए इससे बचने की संभावनाएं उतनी ज़्यादा बढ़ जाती हैं। ऐसी स्थिति में आराम करने के साथ पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए, ताकि डी-हाइड्रेशन ना हो। वर्ना मर्ज बढ़ सकता है।
ऐसे बचें स्वाइन फ्लू से: स्वाइन फ़्लू का वायरस एच 1 एन 1 सही मायनों में एचआईवी से भी ज़्यादा घातक है, क्योंकि एचआईवी से पीड़ित होने पर किसी इंसान की तुरंत मौत नहीं होती। लेकिन तत्काल उचित उपचार ना मिलने पर सेकंड स्टेज का स्वाइन फ़्लू एक हफ्ते में पीड़ित व्यक्ति को अपना शिकार बना लेता है। दूसरा एचआईवी सिर्फ चार कारणों से होता है, जिन्हें समझकर उससे बचा जा सकता है। लेकिन स्वाइन फ़्लू वायरस हवा में तैरता है, उससे बचने के लिए अतिरिक्त सावधानी की ज़रूरत है। 
  • जहां तक हो, भीड़ से बचकर रहें।
  • सेनेटाइजर का उपयोग करना बेहतर होगा।
  • ज्यादा लोगों से मिल रहे हैं तो थोड़ी-थोड़ी देर में हाथ जरूर धोएं।
  • घर में किसी को सर्दी-खांसी-जुकाम हो तो उसे अलग रखें और खांसते समय मुंह पर रूमाल ज़रूर रखें।
आयुर्वेद में भी हैं बचने के नुस्खे: आयुर्वेदिक चिकित्सक ड़ाॅ लोकेश जोशी के मुताबिक़ तुलसी के पत्ते, कपूर और इलायची का उपयोग स्वाइन फ़्लू के वायरस से उनके अनुसार। इन तीनों को समान मात्रा में लेकर पीस कर एक छोटी पुड़िया बनाकर अपने साथ रख लेना चाहिए। समय-समय पर इसकी खूशबू सूंघने से शरीर में इस वायरस का मुकाबला करने की शक्ति बढ़ जाती है।
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साभार: भास्कर समाचार
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