मंदिर-मस्जिद और गुरद्वारों में लाउडस्पीकर बजाने पर ट्वीट कर विवाद में फंसे गायक सोनू निगम ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस की। कहा, मैं एक छोटी सी बात को इतना बड़ा बनाए जाने से हैरान हूं। पर मैं कट्टरपंथियों के
विरोध में अपना सिर एक मुसलमान भाई से मुंडवाने जा रहा हूं। अब मेरे खिलाफ फतवा जारी करने वाले मौलवी 10 लाख रुपए देने के लिए तैयार रखें। फिर सोनू ने बाल मुंडवा लिए। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सोनू ने और क्या कहा पढ़ें उन्हीं के शब्दों में:
आज कई लोग मुझे एंटी-मुस्लिम बता रहे हैं। यह मेरी नहीं, यह उन लोगों की सोच की दिक्कत है। क्योंकि मेरे सबसे नजदीक जो लोग हैं, उनमें ज्यादातर मुस्लिम हैं। मैं मोहम्मद रफी को बचपन से पिता मानता रहा हूं। यहां तक मेरा ड्राइवर भी मुसलमान है। तो मैं मुस्लिम विरोधी कैसे हो सकता हूं। मेरे ट्वीट के सिर्फ उस हिस्से को उछाला गया, जिससे मुद्दा बने। हम यूरोपीय देशों जैसे बनने की बात करते हैं, पर क्या हम उनके जैसे हैं? क्या हमारी सोच वैसी है? क्या मुझे अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है? मेरा सिर्फ इतना कहना है कि धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर जरूरी नहीं हैं। वह चाहे मंदिर हो, मस्जिद हो या गुरुद्वारा हो। मेरे लिए यह गुंडागर्दी है कि कोई अपने धर्म को जोर-शोर से प्रचारित करे। त्योहारों में लोग सड़कों पर दादागीरी के साथ नाचते हैं।
पुलिस परेशान होती है। मैं एक ऐसा शख्स हूं जो हर धर्म को मानता हूं, पर सोचना होगा कि हम कैसा देश बना रहे हैं। जहां कोई भी किसी के लिए फतवा निकाल सकता है। मैंने मोहम्मद लिखा था, कुछ लोगों ने कहा कि मोहम्मद साहब क्यों नहीं लिखा। ये अंग्रेजी भाषा की दिक्कत है। अंग्रेजी में मोहम्मद साहब नहीं आता। जिस तरह किसी मुसलमान की भाषा में श्रीकृष्ण नहीं आता है, उसी तरह मेरी भाषा में मोहम्मद साहब नहीं रहा है, मोहम्मद ही रहा है। यदि किसी को यह लगता है कि मैंने मोहम्मद साहब की आलोचना की है तो उसके लिए मैं माफी चाहता हूं। मैंने अपनी मर्जी से मुसलमान भाई से बाल मुंडवाए हैं, क्योंकि यदि फतवे की बात को थोड़ा प्यार से करें तो बेहतर संदेश जाएगा।
सभी शर्तें पूरी नहीं हुई हैं, सोनू ने सिर्फ एक बात मानी है - मौलवी कादरी: सोनू को चुनौती देने वाले पश्चिम बंगाल के मौलवी सैयद शाह आतिफ अली अल कादरी का कहना है कि उनकी सभी शर्तें पूरी नहीं हुई हैं। सोनू निगम ने तीन बातों में से एक बात मानी है। दो बातें अभी भी पूरी नहीं की हैं। हम 10 लाख रुपए उन्हें तभी देंगे, जब वह बाकी दो बातों पर भी अमल करेंगे। इनमें एक पुराने जूते की माला पहनना और दूसरी पूरे देश में घूमना।
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साभार: भास्कर समाचार
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