Thursday, April 6, 2017

134ए: 14 अप्रैल तक सीटें न बताने वाले निजी स्कूलों की एनओसी होगी विड्रॉ

हरियाणा में करीब 2200 प्राइवेट स्कूलों की मान्यता खतरे में है। इसकी वजह यह है कि सरकार के बार-बार निर्देशों के बावजूद इन स्कूलों ने हरियाणा स्कूल शिक्षा नियम 134ए के तहत खाली सीटों की सूचना अभी तक
उपलब्ध नहीं कराई है। इधर, अभिभावकों का बच्चों के दाखिले के लिए लगातार दबाव बढ़ रहा है। इसलिए अब शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों को सूचना उपलब्ध कराने के लिए 14 अप्रैल तक का आखिरी मौका दिया है। इसके बाद सीबीएसई और शिक्षा बोर्ड से मान्यता के लिए दी गई एनओसी स्वत: ही विड्राल मान ली जाएगी। 
शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी.के. दास ने बताया कि प्रदेश में करीब 4800 प्राइवेट स्कूल हैं। अभी तक 2300 स्कूलों ने ही कक्षावार खाली सीटों की सूचना उपलब्ध कराई है। इन स्कूलों को 2 लाख रुपए तक की सालाना आय वाले बच्चों को 10 प्रतिशत सीटों पर दाखिला करना है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। 16 अप्रैल को टेस्ट लिया जाएगा। इसके बाद 55 प्रतिशत अंकों के साथ मैरिट में आए बच्चों की जिला स्तर पर काउंसिलिंग की जाएगी। मनपसंद स्कूल के लिए उनसे 5-5 स्कूलों के विकल्प मांगे गए हैं। पिछले साल करीब 25000 बच्चों का एडमिशन करवाया गया था। इस साल 50 से 60 हजार बच्चों को एडमिशन दिलाने की योजना है। उन्होंने बताया कि बुधवार को प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन का एक प्रतिनिधि मंडल उनसे मिला था। उन्हें भी इस बारे में सचेत कर दिया गया है। दास ने बताया कि जिन स्कूलों ने 31 दिसंबर, 2016 तक फीस घोषणा पत्र भरकर नहीं दिया था, उन्हें पिछले साल की फीस ही लेनी पड़ेगी। लेकिन अगर किसी ने हरियाणा स्कूल एजुकेशन नियम 158ए के तहत फीस घोषणा-पत्र भरा था, तो भी उन पर कुछ शर्तें लागू होंगी। जैसे कैपिटेशन फीस नहीं ली जाएगी और ट्यूशन फीस की एक तिमाही से ज्यादा एडवांस रिकवरी नहीं कर सकते। कुछ स्कूल फीस की वजह से विद्यार्थियों का वार्षिक परीक्षा का परिणाम नहीं दे हैं। 

निजी स्कूल इंडस्ट्री की तरह नहीं चलेंगे: इधर, महेंद्रगढ़ में शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा बोले- 134-ए के तहत निजी स्कूलों को दाखिला देने ही पड़ेगा। अब निजी स्कूलों को इंडस्ट्रीज की तरह नहीं चलाने दिया जाएगा। 
पानीपत | हरियाणायूनाइटेड स्कूल एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मान की अध्यक्षता में एसीएस पीके दास से मिलकर कुछ नियमों पर क्लियरिटी मांगी। उन्होंने कहा है कि नियम 134 के तहत आय का सर्टिफिकेट तहसीलदार से प्रमाणित होना चाहिए। हर जिले से कोई भी 50 आवेदन उठाकर जांच होगी। जिन स्कूलों ने फार्म 6 के तहत जानकारी दी है वो उसी अनुसार फीस बढ़ा सकते हैं।
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साभार: भास्कर समाचार 
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