सरकार के अनुसार परिवहन मंत्रालय अगले तीन सालों में करीब 5 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाओं का काम पूरा कर लेगा और इसके लिए पहले ही डेढ़ लाख करोड़ रुपए की लागत की परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार सड़क परियोजनओं में एक करोड़ रुपए के निवेश से तकरीबन 800 लोगों को
रोजगार मिलता है। भारत में सड़क परियोनाओं के विकास से अगले तीन सालों में प्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष रूप से करीब 50 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। ऐसे में स्टील और सीमेंट इंडस्ट्री में नौकरियों के मौके बढ़ेंगे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है और देश का करीब 64 फीसदी गुड्स सड़कों के जरिए ट्रांसपोर्ट किया जाता है। 2016-17 के दौरान सरकार ने रोड डेवलपमेंट के लिए 14.5 अरब डॉलर के बजट की मंजूरी दी है। सीमेंट इंडस्ट्री की बात की जाए, तो देश में 2015 में करीब 36.6 करोड़ टन सीमेंट का प्रोडक्शन हुआ। भारत मंे सीमेंट के 210 बड़े प्लांट और 350 छोटे प्लांट हैं। पिछले 16 सालों में इस इंडस्ट्री को 3.12 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मिला। वहीं स्टील के क्षेत्र में भी इससे विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टील का उत्पादन करने वाला देश है। 2015 मंे देश में 7.7 करोड़ टन क्रूड स्टील का उत्पादन हुआ। 2006 से 2016 के दौरान क्रूड स्टील का उत्पादन 6.3 फीसदी की सालाना दर से बढ़ा है। रोड सेक्टर से इन दोनों इंडस्ट्री में भविष्य में यंग प्रोफेशनल की जरूरत बढ़ेगी। ऐसे में इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के छात्रों के लिए नौकरी की बेहतर संभावनाएं हैं। सीमेंट टेक्नोलजी या केमिकल इंजीनियरिंग करने वाले छात्र सीमेंट इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कॅरिअर शुरू कर सकते हैं। वहीं स्टील इंडस्ट्री में मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, स्ट्रक्चरल स्ट्रीम के छात्रों के लिए नौकरी के अवसर हैं। इन दोनों इंडस्ट्री में मैनेजमेंट प्रोफेशनल के लिए भी अवसर हैं, लेकिन किसी खास स्पेशलाइजेशन की आवश्यकता नहीं है।
डिप्लोमा या डिग्री कोर्स में ले सकते हैं प्रवेश: सीमेंट के क्षेत्र में जॉब के लिए सीमेंट इंजीनियरिंग या टेक्नोलॉजी, केमिकल इंजीनियरिंग स्टील इंडस्ट्री के लिए मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक या स्ट्रक्चरल इंजीनयरिंग के बैचलर डिग्री कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। बैचलर डिग्री कोर्स में प्रवेश के लिए अधिकतर संस्थानों में जेईई स्कोर जरूरी होता हैं। मैनेजमेंट के क्षेत्र में जॉब करने के लिए एमबीए कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं।
सीमेंट अौर स्टील प्रोडक्शन के क्षेत्र में अवसर: सीमेंट और स्टील का उत्पादन करने वाली कंपनियों में इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट प्रोफेशनल जॉब कर सकते हैं। इंजीनियरिंग प्रोफेशनल को मशीनरी से लेकर प्रोडक्शन तक का काम देखना होता है, जबकि मैनेजमेंट प्रोफेशनल को संसाधनों की जरूरतों से लेकर खर्च तक की सभी चीजों को मैनेज करना पड़ता है।
मैनेजमेंट की अपेक्षा इंजीनियरिंग में शुरुआत में ज्यादा पैकेज: सीमेंट इंजीनियरिंग के क्षेत्र में फ्रेशर को 20 से 25 हजार रुपए तक प्रति माह का पैकेज मिल सकता है। कुछ वर्ष के अनुभव के बाद यह पैकेज 40 से 45 हजार रुपए प्रति माह तक हो सकता है। वहीं स्टील इंडस्ट्री में इंजीनियरों को शुरुआत में 15 से 20 हजार रुपए प्रति माह का पैकेज मिल सकता है। जबकि कुछ वर्ष के अनुभव के बाद इसमें 50% तक इजाफा होने की संभावना होती है। दोनों ही इंडस्ट्री में मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स को शुरूआत में औसतन 12 से 15 हजार प्रति माह तक का पैकेज मिल सकता है।
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साभार: भास्कर समाचार
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