Sunday, December 25, 2016

जब कोई भरोसा न कर रहा हो तब आत्मविश्वास ही साथी है

कभी-कभी ऐसा होता है कि आप अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलना चाहते हैं। आप अपने विचार दुनिया से साझा करते हैं लेकिन लोग आपके विचारों और आइडिया और क्षमता पर शक करने लगते हैं। जब सहयोग नहीं हो तो अपने सपनों की दिशा में आगे बढ़ना मुश्किल हो जाता है। लेकिन आगे तो बढ़ना ही है। ऐसे में
आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए ये तीन तरीके आजमाए जा सकते हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। 
  1. पॉजिटीविटी की ओर बढ़ें: आप चाहें तो रोज अपने दिन की शुरुआत ऐसी किताब पढ़ने से कर सकते हैं जो प्रेरणादायक हों। इसके अलावा आप उन लोगों से बात कर सकते हैं जो सकारात्मक सोच वाले हों। अगर कोई मेंटर तलाश सकें जो आपको मानसिक रूप से और काम में मदद कर सके तो यह काफी फायदेमंद होगा। आपका सर्कल सिर्फ उन्हीं लोगों तक सीमित नहीं होना चाहिए, जिन्हें आप पहचानते हैं। सर्कल बढ़ाने के लिए आप सोशल मीडिया का उपयोग कर सकते हैं। 
  2. असफलता में सीख: हमारा इतिहास असफलताओं से भरा है। आज जो सफल हैं वो कई बार असफल हुए। अलबर्ट आंस्टीन हों या बेब रूथ। आंस्टीन के टीचर ने उन्हें मेंटली स्लो कहा था। माता-पिता उन्हें कमजोर बच्चा मानते थे। प्रसिद्ध बेस बॉल खिलाड़ी रूथ जब आठ साल के थे तो शराब और तंबाकू के नशे में घिर गए थे। असल में कोई भी परफेक्ट नहीं होता है। अगर आप फेल होने के डर से पीछे हट जाएंगे तो आप जीत भी नहीं पाएंगे। 
  3. खुदसे बेहतर शिक्षक और कोई नहीं: हर इंसान के भीतर एक ऐसा आलोचक होता है, जो खुद की आलोचना करता है। ये आगे बढ़ने से कई बार रोकता है। इस इनर क्रिटिक को रोकने के लिए खुद से पॉजिटिव बात करना सीखना होता है। इसके लिए उन पलों को याद करना चाहिए जब आप सफल हुए थे। उन कठिन चुनौतियों को याद करना चाहिए जो आपने हर हाल में पार की थी। इससे आपको अपनी स्ट्रेन्थ पता चलेगी।

Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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