यह एक मानी हुई बात है कि है कि, जो लोग अपने लक्ष्य लिखते हैं, वे लिखने वालों की अपेक्षा इसे हासिल करने में ज्यादा कामयाब होते हैं। एक शोध के मुताबिक नए वर्ष पर तय किए 92 फीसदी लक्ष्य 15 जनवरी तक फेल
हो जाते हैं। काम की क्षमता बढ़ाने के लिए, लक्ष्य को हासिल करने के लिए सप्ताह दर सप्ताह काम का आकलन करने के बाद योजनाबद्ध तरीके से काम करने की जरूरत होती है। इससे काम में परफेक्शन की संभावना तो बढ़ती ही है, बल्कि कार्यक्षमता भी बढ़ती है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। यह कुछ तरीके हैं, जो प्रभावी तरीके से काम की योजना बनाने में मदद कर सकते हैं।
लक्ष्यकी सूची बनाना: उन सभी कामों की सूची बना लें, जो आप करना चाहते हैं। उदाहरण के लिए, दिन, सप्ताह और महीने में जो काम करना चाहते हैं, उसकी सूची बनाएं। समय के अनुसार इसे सूचीबद्ध कर लें। इससे अनचाही उलझन कम होने की संभावना बढ़ जाती है। लक्ष्यों को सूचीबद्ध करते समय इसे एक खास ढांचे में बदलने की कोशिश होनी चाहिए। इसके लिए 'स्मार्ट' को फॉलो कर सकते हैं। स्मार्ट से आशय है - स्पेशिफिक यानी विशिष्ट, मेजरेबल यानी मापने योग्य, अचीवेबल- हासिल किया जा सके, रियालिस्टिक- वास्तविक और टाइम बेस्ड यानी समय पर अाधारित। सूचीबद्ध किए गए कार्य ऐसे होने चाहिए, जो हासिल किए जा सकते हों। क्योंकि कल्पना मात्र कर लेने से किसी भी चीज को हासिल नहीं किया जा सकता। तय किए गए लक्ष्य व्यावहारिक भी होने चाहिए। सुनिश्चित किए गए लक्ष्य समय के लिहाज से भी महत्वपूर्ण होने चाहिए। क्योंकि ऐसे में यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि आप किस काम में कितना समय लगाते है।
समय निर्धारित करना: लिस्ट बनाने के बाद यह तय करना जरूरी है कि दिन, सप्ताह और महीने के आधार पर वरीयता के लिहाज से कामों को बांट लें। कामों को वरीयता के आधार पर बांटने के बाद इसके अनुसार अपने दिन का शेड्यूल तैयार करें। ज्यादा महत्वपूर्ण और जरूरी कामों को पहले करें और इसके बाद ही गैरमहत्वपूर्ण कामों को समय दें। सभी कामों को पूरा करने के लिए समय-सीमा निर्धारित करें। इससे कामों को मैनेज करने में आसानी होती है।
जिम्मेदारी तय करना: सूची बनाने, वरीयता तय करने और समय निर्धारित करने के बाद टास्क को टीम के साथ विभिन्न जिम्मेदारियों के साथ काम करना। इसके लिए प्रत्येक टीम मेंबर की जिम्मेदारी निर्धारित की जानी आवश्यक है। इससे मिस कम्युनिकेशन को होने की संभावना कम हो जाती है और सभी को यह पता होता है कि उन्हें क्या करना है।
रिव्यू करना जरूरी: समय-समय पर अपने कामों का रिव्यू करना जरूरी होता है। इसके लिए सप्ताह या महीने का एक दिन निर्धारित किया जा सकता है। इससे यह पता रहता है कि कहीं आप गलत दिशा में तो नहीं जा रहे। इससे आगे की योजना बनाने में भी आसानी होती है। अपने कामों का सही आकलन करने के लिए अपने टीम मेंबर या बॉस से अपने काम का फीडबैक लेना भी एक सही उपाय हो सकता है।
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साभार: भास्कर समाचार
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