फरीदाबाद के सेक्टर-12 स्थित खेल परिसर में आयोजित तीन दिवसीय ऑल इंडिया मार्शल आर्ट्स स्पर्धा के नाम पर फर्जीवाड़ा हुआ। आयोजक दिल्ली की जीवन रास हेल्पिंग नेशनल संस्था को किसी खेल एसोसिएशन से मान्यता प्राप्त नहीं थी। बिना जांच किए इसमें भारत सरकार के केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, हरियाणा के
वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु, प्रदेश की मुख्य संसदीय सचिव सीमा त्रिखा समेत अन्य नेता मुख्य अतिथि बनकर पहुंच गए। इंट्री फीस के नाम पर खिलाड़ियों से 1200 से लेकर 5 हजार रुपए तक वसूले गए, लेकिन उन्हें जरूरी सुविधाएं नहीं दी गईं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। खिलाड़ियों ने बुधवार शाम हंगामा करते हुए जम कर बवाल काटा। सूचना पाकर आनन-फानन में सीटीएम सतबीर सिंह, एसीपी सेंट्रल आत्माराम ने खिलाड़ियों को समझाया। सीटीएम अब मामले की जांच कर रहे हैं। सेंट्रल जोन के एसीपी आत्माराम ने बताया कि यह टूर्नामेंट निजी था। टूर्नामेंट को करने की मंजूरी किसने और क्यों दी। इस बारे में सीटीएम सतबीर सिंह जांच कर रहे हैं।
बुधवार को चैंपियनशिप का समापन होना था। खिलाड़ी सुरेंद्र, सुनील, ज्योति ने बताया कि दो दिन से खिलाड़ी खेल रहे थे। सुरक्षा के लिए एक भी पुलिसकर्मी नहीं था। प्रतियोगिता में समय का कोई रिकार्ड नहीं। खिलाड़ी अपनी बारी का घंटों इंतजार कर रहे थे। खाने का भी इंतजाम नहीं था। इस वजह से तीसरे दिन खिलाड़ियों ने परेशान होकर खेल परिसर में हंगामा कर दिया। खिलाड़ियों का आरोप है कि एंट्री फीस देने के बाद प्रतियोगिता में खेलने का अवसर नहीं मिल सका और उनके मैच की टाई के बारे में ही जानकारी नहीं दी जा रही थी। खिलाड़ियों की मांग है कि उनके पैसे वापस दिलाए जाएं।
कोरियर से पहुंचेगा मेडल: इस बड़े टूर्नामेंट में नरेला से अपने 47 खिलाड़ियों के साथ आए पीटीआई वीरेंद्र के अनुसार उनके साथ आयोजकों ने बड़ा धोखा किया है। आमंत्रण पत्र में गाेल्ड मेडल के साथ प्रथम इनामी राशि 5100, द्वितीय 2100 और तृतीय 1100 बताई गई थी। इसके अलावा ट्रैक सूट, टी शर्ट, जूते खाना देने की बात कही थी। हमें यहां कुछ नहीं मिला। हमारी खिलाड़ियों के साथ बदसलूकी की गई, हमने पुलिस कंट्रोल रूम के 100 नंबर पर फोन किया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। आयोजक कह रहे हैं तुम्हारे मेडल कोरियर से पहुंचेंगे। इस मामले में सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। खिलाड़ियों को दो दिन का बासी खाना दिया गया।
एक-दूसरे पर डाल रहे जिम्मेदारी:
कोईभी निजी तौर पर खेलों का आयोजन कराने के लिए परिसर को ले सकता है। इसके एवज में एक एप्लीकेशन जिला प्रशासन के नाम देनी होती है। तीन दिन के लिए यह ग्राउंड 75 हजार रुपए में दिया था। संस्था की ओर से आई एप्लीकेशन को डीसी की अनुमति के लिए भेजा गया। इसमें मंत्रियों को मुख्यातिथि के तौर पर आमंत्रित किया था। इसलिए ज्यादा पूछताछ नहीं की गई। - मैरी मसीह, जिला खेल अधिकारी, फरीदाबाद।
जबतक साई के अधिकारियों के पास खिलाड़ी कंप्लेंट नहीं देंगे, हम कार्रवाई नहीं कर सकते। उनकी शिकायत के बाद ही हम मामले की जांच शुरू करेंगे। - एकेसिंह, अंडर सेक्रेटरी स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री, नई दिल्ली।
पार्टी ने नेता ने आमंत्रण दिया था, मामले की जांच हो: मुझे इस टूर्नामेंट में हमारे पार्टी के एक नेता नयनपाल रावत द्वारा आमंत्रण देकर बुलाया गया था। अब मुझे क्या पता था कि कौन सी संस्था है और क्या कर रही है। हम तो पार्टी के नेता के कहने पर मुख्य अतिथि बनकर चले गए। अगर यहां खिलाड़ियों के साथ गलत हुआ है या संस्था गलत है तो इस मामले की गहनता से जांच होनी चाहिए। आयोजकों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। - कृष्णपाल गुर्जर, केंद्रीय राज्यमंत्री, भारत सरकार।
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साभार: भास्कर समाचार
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